नव वर्ष तेरा स्वागत खुशियां भर लाओ,
मीठी कडवी यादो के 23,अब तुम जाओ।
गत वर्ष से हम सब सीखेंगे,
नव वर्ष में नव जीवन ढूंढेंगे,
अंधकार सब हट जायेगा,
कोहरा सारा छंट जायेगा,
नया सवेरा दिख रहा है,
सुरज नया खिल रहा है,
घाट मेले फिर सजेंगे,
गले हम सब फिर मिलेंगे,
रिम-झिम करता सावन होगा,
इन्द्र धनुष मनभावन होगा,
नव- उमंगे,नव- तरंगे होंगी,
नव गीतों का गुंजायन होगा,
नूतन वर्ष की मीठी सी ठिठुरन,
प्रात: रवि-लालिमा सब भर-भर ले जाओ,
नव वर्ष हो सबको मंगलमय,
ऐसा सब मिलकर गाओ,
मीठी,कड़वी यादों के 23,अब तुम जाओ।
नव वर्ष तेरा स्वागत, खुशियां भर लाओ।।।
लेखक
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नरेंद्र राठी
(कवि गाजियाबादी)