केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ विपक्षी दलों का समर्थन हासिल करने निकले दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को लखनऊ में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात की। केजरीवाल से मुलाकात के बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने राष्ट्रीय राजधानी में सेवाओं के नियंत्रण पर केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ आम आदमी पार्टी का समर्थन किया।

उन्होंने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र का अध्यादेश लोकतंत्र विरोधी है। मैं सीएम अरविंद केजरीवाल को आश्वस्त करना चाहता हूं कि समाजवादी पार्टी आपके साथ है। सपा आपका समर्थन करेगी।

वहीं अरविंद केजरीवाल ने अखिलेश यादव, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि यदि राज्यसभा में केंद्र सरकार का अध्यादेश गिर जाता है तो इससे 2024 के चुनाव से पूर्व एक बड़ा संदेश जाएगा। यदि भाजपा विरोधी सभी पार्टियां एकजुट हो जाती हैं और राज्यसभा में जहां भाजपा बहुमत में नहीं हैं, वहां इस अध्यादेश को हरा देती हैं तो इससे देश को एक बड़ा संदेश जाएगा।

केजरीवाल ने कहा- राज्यसभा में भाजपा के पास केवल 93 सीटें हैं। यदि भाजपा विरोधी सभी पार्टियां एकजुट होती हैं और इस अध्यादेश को हरा दिया जाता है तो यह 2024 का ‘सेमीफाइनल’ के समान होगा। हमने सपा प्रमुख अखिलेश यादव के साथ चर्चा की। हम उनका धन्यवाद देते हैं कि उन्होंने हमें भरोसा दिया है कि वे राज्यसभा में हमारा समर्थन करेंगे। वहीं सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि केंद्र का अध्यादेश लोकतंत्र विरोधी है। इस मसले पर समाजवादी पार्टी आप के साथ है।

केजरीवाल ने कहा कि केन्द्र सरकार दिल्ली में ‘AAP’ की चुनी हुई सरकार के लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन कर रही है। 2015 में आप ने दिल्ली में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई थी लेकिन केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने तीन महीने बाद ही एक नोटीफिकेशन के जरिए सरकार की शक्तियां छीनने का प्रयास किया। इस नोटीफिकेशन के खिलाफ हमने अदालत में गुहार लगाई और आठ साल की लंबी लड़ाई के बाद दिल्ली की जनता को आखिरकार इंसाफ मिला जब सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने पिछली 11 मई को अपने एक आदेश में कहा कि चुनी हुई सरकार के पास सारी शक्तियां होनी चाहिये।

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