ट्रांसफर-पोस्टिंग का एकाधिकार छिन जाने के बाद से दिल्ली सरकार केंद्र सरकार के अध्यादेश का रास्ता संसद में रोकने की तैयारी में जुटी है। राज्यसभा में बिल को अटकाने का मंसूबा लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल विपक्षी दलों से समर्थन मांग रहे हैं।

इस क्रम में मंगलवार को उन्होंने कोलकाता में ममता बनर्जी से मुलाकात की तो बुधवार को मुंबई जाकर उद्धव ठाकरे से समर्थन मांगा। शिवसेना प्रमुख ने उन्हें बिल के खिलाफ साथ का वादा किया। इस दौरान उद्धव ठाकरे ने खुद को रिश्ता निभाने वाला व्यक्ति बताया तो आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि वह भी रिश्ता निभाते हैं और दोस्ती की है तो जिंदगीभर इसे निभाएंगे।

उद्धव ठाकरे से मुलाकात के बाद केजरीवाल ने कहा, ‘2015 में हमारी सरकार बनने के 3 महीने बाद ही केंद्र ने नोटिफिकेशन के जरिए दिल्ली के अधिकार छीन लिए थे। सुप्रीम कोर्ट ने 8 साल बाद दिल्ली की जनता को न्याय दिया लेकिन इन्होंने 8 दिन में ऑर्डिनेंस लाकर SC के फैसले को पलट दिया। लोकतंत्र में जनता की चलनी चाहिए या LG की चलनी चाहिए? BJP वाले सुप्रीम कोर्ट के जजों को को गाली देते हैं। इनका संदेश है कि सुप्रीम कोर्ट जो मर्जी आदेश दे, ऑर्डिनेंस लाकर पलट देंगे। अगर किसी राज्य में बीजेपी की सरकार नहीं बनती, इनके पास तीन तरीक़े हैं- MLA खरीदकर सरकार गिरा देंगे, CBI-ED से डराकर सरकार गिरा देंगे, ऑर्डिनेंस लाकर ताकत छीन लेंगे।’

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