र्नाटक में जोरदार जीत के बाद कांग्रेस काफी ज्यादा उत्साहित है। माना जा रहा है कि नए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के फॉर्मूले पर चलते हुए पार्टी ने यह जीत हासिल की है। अब कांग्रेस इसी फॉर्मूले को अन्य चुनावी प्रदेशों में भी आजमाना चाहती है।

इसके लिए वह विपक्ष को एकजुट करने के मिशन में जुट गई है। इसी सिलसिले में कांग्रेस विपक्षी दलों की मीटिंग बुलाने वाली है। वहीं, सोमवार को खड़गे के आवास पर नीतीश कुमार की कांग्रेस अध्यक्ष और राहुल गांधी से मुलाकात भी हुई है। गौरतलब है कि अगले एक साल में मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ समेत विभिन्न राज्यों में विधानसभा चुनाव हैं। इसके अलावा 2024 में लोकसभा चुनाव भी हैं।

कांग्रेस देख रही अवसर
कर्नाटक भारी बहुमत हासिल करने के बाद कांग्रेस खेमा उत्साह से भरा हुआ है। पार्टी इसे आगामी विधानसभा चुनावों के साथ-साथ लोकसभा चुनावों के लिए भी एक अवसर की तरह देख रही है। यही वजह है कि कांग्रेस की तरफ से विपक्ष को एकजुट करने की तैयारी शुरू हो गई है। सोमवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी से मुलाकात हुई। इस मीटिंग के बाद कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने विपक्ष के सभी नेताओं की मीटिंग की बात कही। वेणुगोपाल ने कहा कि विपक्ष के सभी नेता जल्द ही एक मंच पर जुटेंगे। इसकी तारीख और स्थान के बारे में भी जानकारी दी जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि इस दौरान विभिन्न दलों के नेता इस मीटिंग में शामिल होंगे।

एमपी में पेश किया प्लान
गौरतलब है कि कांग्रेस विभिन्न राज्यों के लिए चुनावी तैयारियों में जुट गई है। उसने मध्य प्रदेश के लिए प्लान भी पेश किया है और वहां के लिए 5 गारंटी भी दी हैं। बता दें कि 5 गारंटी योजना को कर्नाटक में कांग्रेस की सफलता के पीछे की सबसे बड़ी वजह बताया जा रहा है। यहां पर कांग्रेस ने बेहद योजनाबद्ध ढंग से काम करते हुए जीत हासिल की है। केवल स्थानीय मुद्दों पर फोकस, सत्ता विरोधी लहर का फायदा, बोम्मई सरकार के भ्रष्टाचार पर लगातार प्रहार जैसी कई बातें रहीं, जिनके दम उसने बहुमत हासिल किया। अनुमान है कि कर्नाटक के फॉर्मूले के आधार पर कांग्रेस अन्य राज्यों के लिए भी रणनीति तैयार करेगी।

इस वजह से उत्साह
यह भी दिलचस्प है कि कुछ वक्त पहले तक अन्य दलों से कांग्रेस को इतना भाव नहीं मिल रहा था। लेकिन कर्नाटक चुनाव के बाद अचानक समीकरण पूरी तरह से बदल चुके हैं। कर्नाटक में परिणाम आने के बाद शरद पवार ने इसे संपूर्ण विपक्ष की जीत बताया था। वहीं, ममता बनर्जी के सुर भी कांग्रेस के लिए बदल गए हैं। इन बातों ने भी कांग्रेस का उत्साह बढ़ाया है। सिद्धारमैया के शपथग्रहण समारोह में पहुंचकर विभिन्न विपक्षी नेताओं ने भी एकजुटता का संदेश दिया था। इस दौरान नीतीश कुमार, शरद पवार और स्टालिन जैसे कई नेता मौजूद थे।

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