वक्फ की संपत्तियों की डीटेल ‘UMEED’ पोर्टल पर अपलोड करने की समय सीमा बढ़ाने से सुप्रीम कोर्ट ने साफ तौर पर इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से कहा है कि वे संबंधित ट्राइब्यूनल में जाकर अपनी बात रखें। बता दें कि समय सीमा बढ़ाने वाली याचिकाओं में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोल्ड (AIMPLB) और AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी की याचिका भी शामिल थी। वक्फ संपत्तियों का ब्यौरा पोर्टल पर अपलोड करने के लिए 5 दिसंबर तक का समय दिया गया है। अगर ऐसा नहीं किया जाता है तो संबंधित व्यक्ति या संस्था को सजा भी हो सकती है।

इससे पहले 15 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश में वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 को पूरी तरह से स्थगित करने से इनकार कर दिया था। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने कुछ प्रावधानों पर रोक लगाई थी।

नियमों के मुताबिक वक्फ संपत्ति ना अपलोड करने वालों को छह माह की सजा और 20 हजार रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। जो लोग संपत्तियों को पोर्टल पर दर्ज नहीं करवाएंगे उनकी संपत्ति का दर्जा खत्म कर दिया जाएगा और बाद में केवल वक्फ ट्राइब्यूनल के आदेश पर ही दोबारा पंजीकरण किया जा सकेगा।

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