साइबर ठगों के निशाने पर महिलाओं के साथ किशोर और किशोरियां अधिक हैं। पिछले दो वर्षों में साइबर ठगी द्वारा जितने लोगों को शिकार बनाया गया उनमें 60 फीसदी से अधिक महिलाएं और किशोर-किशोरी हैं। दूर संचार विभाग की मानें तो इस दौरान 40 लाख 55 हजार लोगों से साइबर ठगी हुई। इनमें 28 लाख 74 हजार महिलाएं और लड़के-लड़कियां शामिल हैं।

महिलाओं को शादी और महंगे गिफ्ट तो किशोर-किशोरियों को ऑनलाइन गेम में जीतने का प्रलोभन देकर जाल में फांसा जा रहा है। ज्यादातर साइबर ठग सोशल मीडिया के माध्यम से दोस्ती करते हैं। बातचीत के दौरान कई व्यक्तिगत जानकारी लेते हैं। इसके बाद उसी के अनुसार उन्हें प्रलोभन देना शुरू करते हैं।

दूरसंचार विभाग ने एक दिशा निर्देश भी जारी किया है। इमसें सावधानी बरतने को कहा गया है। अबतक 15 ऐसे मामलों में बैंक के सहयोग से ठगी होने से बचाया भी गया है। इसके तहत जैसे ही बैंक से पैसा ट्रांसफर होने लगा तो बैंक ने सूचना दी कि जिस खाताधारी के नंबर पर यूपीआई किया जा रहा है, वो फर्जी है।

दानापुर की रहने वाली मालती कुमारी से एक लड़के ने सोशल मीडिया से दोस्ती की। लड़के ने खुद को लंदन में इंजीनियर होने की बात बताई। दोस्ती से बात आगे बढ़ते हुए शादी तक आ गई। फिर लड़के ने उसे महंगा गिफ्ट भेजा। इसके बाद कोरियर वाले ने फोन करके पैसे मांगे। जब मालती ने उस लड़के को फोन किया तो उसने एक लाख रुपया देने को कहा। नहीं देने पर चैट आदि को सार्वजनिक करने की धमकी भी दे डाली। जब बैंक से पैसे ट्रांसफर करने लगी तो बैंक वाले ने बताया कि यह ठगी है।

पाटलिपुत्र कॉलोनी का रहने वाला 18 साल का राकेश कुमार हर दिन घंटों गेम में समय बिता रहा था। इसी बीच ऑनलाइन उनकी दोस्ती एक हमउम्र से हुई। एक दिन हमउम्र ने बताया कि उसके पास पैसे नहीं है जो वो गेम आगे खेलेगा। उसने राकेश कुमार से एक हजार उधार लिया। राकेश कुमार ने अपने पिता के अकाउंट से पैसे दे दिये। इसके बाद आधार नंबर भी मांगा वो भी दे दिया। इसके बाद संबंधित खाते से 50 हजार की ठगी कर ली गयी।

अनजान लोगों से चैट ना करें, क्योंकि सोशल मीडिया का ज्यादातर प्रोफाइल फेक होता है

● कोई जल्दी महंगा गिफ्ट भेजना चाहे तो बिलकुल विश्वास न करें

कोरियर और कस्टम वाले कभी भी फोन करके पैसे नहीं मांगते हैं

● घर का पता, आधार, फोटो या वीडियो कभी न दें

● अगर कोई धमकी दे तो समझ जाएं कि ठग है

● अगर कुछ शक हो या कोई दुविधा हो तो पुलिस को जरूर बताएं

● संदिग्ध नंबर और प्रोफाइल को तुरंत 1930 या संचार साथी एप पर रिपोर्ट करें

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