
देहरादून।
रास बिहारी बोस सुभारती विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित केशरीचंद सुभारती इंस्टिट्यूट ऑफ फार्मेसी में राष्ट्रीय फार्मासिस्ट सप्ताह 2025 के अंतर्गत “ फार्मासिस्ट्स ऐज़ एडवोकेट्स ऑफ़ वैक्सीनेशन” थीम पर 21 नवम्बर 2025 को भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में फार्मेसी छात्रों, शिक्षकों एवं विशेषज्ञों की बड़ी संख्या ने उत्साहपूर्वक भाग लिया, आयोजन के दौरान वैक्सीनेशन के प्रति फार्मासिस्टों की भूमिका, सामुदायिक स्वास्थ्य में योगदान, दवा सुरक्षा जागरूकता और आधुनिक फार्मेसी प्रैक्टिस पर संवाद भी हुआ।
कार्यक्रम में विशेष रूप से उपस्थित हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ. हिमांशु ऐरन ने अपने प्रेरक संबोधन में फार्मेसी शिक्षा के बदलते परिदृश्य पर महत्वपूर्ण विचार साझा किए। उन्होंने विशेष रूप से फार्मेसी एजुकेशन सिस्टम और फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री के बीच मौजूद गैप को कम करने पर बल देते हुए कहा कि छात्रों को अब ‘बुकिश नॉलेज’ से आगे बढ़कर वास्तविक उद्योग-आधारित कौशल सीखने होंगे। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि विश्वविद्यालय का लक्ष्य ऐसे योग्य, जिम्मेदार और व्यावहारिक फार्मासिस्ट तैयार करना है जो न केवल स्वास्थ्य सेवाओं को सशक्त बनाएँ बल्कि समाज में दवा जागरूकता भी फैला सकें।

डॉ. ऐरन ने अपने संबोधन में यह भी विस्तारपूर्वक समझाया कि मरीजों को किस प्रकार की दवाएँ चिकित्सकीय परामर्श के साथ लेनी चाहिए और किन दवाओं का अनियंत्रित या बिना सलाह सेवन स्वास्थ्य के लिए गंभीर जोखिम बन सकता है। उन्होंने ‘क्वालिटी मेडिसिन’, ‘रैशनल यूज़ ऑफ ड्रग्स’ और सेल्फ-मेडिकेशन से जुड़े खतरों पर जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उनके शब्दों ने न केवल छात्रों को प्रेरित किया बल्कि उपस्थित सभी विशेषज्ञों और शिक्षकों को फार्मेसी पेशे की सामाजिक ज़िम्मेदारी का अहसास भी कराया।
कार्यक्रम में आमंत्रित विशिष्ट वक्ताओं डॉ. प्रशांत कुमार भटनागर और डॉ. सुबोध भारद्वाज ने फार्मास्युटिकल साइंसेज के बदलते वैश्विक परिदृश्य पर अपने मूल्यवान विचार प्रस्तुत किए।

डॉ. भटनागर ने फार्मेसी क्षेत्र में अनुसंधान की नई संभावनाओं, नैनो-ड्रग डिलीवरी मॉड्यूल्स, उभरती तकनीकों और आधुनिक दवा विकास पद्धतियों पर प्रकाश डाला।
वहीं डॉ. सुबोध भारद्वाज ने बताया कि भविष्य का फार्मासिस्ट केवल दवाओं का प्रैक्टिशनर नहीं, बल्कि रोगी-केंद्रित सेवाओं का प्रमुख स्तंभ होगा।
कार्यक्रम के दौरान शैक्षणिक उत्कृष्टता के लिए सम्मान समारोह भी आयोजित किया गया, जिसमें दो प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल से नवाजा गया। समीर अली (D. Pharm – 2021–23) को उनकी बेहतरीन शैक्षणिक उपलब्धियों, अनुशासन और निरंतर मेहनत के लिए सम्मानित किया गया। वहीं तेजस्वी त्रिपाठी (D. Pharm – 2022–24) को अपनी बैच में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन, मजबूत वैज्ञानिक आधार और उत्कृष्ट परिणामों के लिए गोल्ड मेडल प्रदान किया गया। दोनों विद्यार्थियों के सम्मान से कार्यक्रम में उत्साह का माहौल चरम पर पहुँच गया और शिक्षकों एवं सहपाठियों में गर्व की भावना व्याप्त रही।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव श्री खालिद हसन भी उपस्थित रहे। उन्होंने कार्यक्रम की भव्यता और संस्थान के विद्यार्थियों के उत्साह पर प्रसन्नता व्यक्त की इसके अतिरिक्त संस्थान के प्राचार्य एवं डीन डॉ. लोकेश त्यागी, प्रशासनिक अधिकारी डॉ. रविंद्र प्रताप, विभागाध्यक्ष श्रीमती ऋचा पुंढ़ीर सहित सभी शिक्षकगण, गैर-शिक्षक कर्मचारी और बड़ी संख्या में छात्र–छात्राएँ उपस्थित रहे। सभी ने कार्यक्रम को सफल बनाने में सक्रिय योगदान दिया।
रास बिहारी बोस सुभारती विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित ऐसे आयोजन विश्वविद्यालय की शैक्षणिक उत्कृष्टता, सामाजिक दायित्व और स्वास्थ्य क्षेत्र में सक्रिय योगदान की प्रतिष्ठा को और ऊँचा उठाते हैं।
