अयोध्या राम मंदिर में ध्वजारोहण समारोह को देखते हुए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ व पुलिस प्रशासन ने निर्णय लिया है कि 25 नवम्बर को राम मंदिर में आम श्रद्धालुओं का दर्शन पूर्णतः निषिद्ध रहेगा। यह जानकारी क्षेत्राधिकारी आशुतोष तिवारी ने दी। उन्होंने बताया कि 25 नवम्बर को आमंत्रित अतिथियों के अतिरिक्त किसी अन्य को दर्शन के लिए प्रवेश नहीं दिया जाएगा।
नगर निगम के तत्वावधान में आयोजित संतों-महंतों की बैठक में तय किया गया कि धर्म ध्वजारोहण की पूर्व संध्या पर आगामी 24 नवंबर को मठ-मंदिरों पर भगवा ध्वज फहराया जाएगा। इसके साथ ही दीपोत्सव की तरह प्रकाश कर श्रीराम मंदिर की पूर्णता का स्वागत किया जाएगा। संतों ने तय किया कि 23 नवंबर को रामपथ पर भ्रमण कर प्लास्टिक मुक्त अयोध्या बनाने में योगदान देने एवं स्वच्छता के लिए लोगों को प्रेरित किया जाएगा। इस उत्सव को उसे वर्षा कर भव्यता प्रदान करने का भी संकल्प बताया गया।
महापौर महंत गिरीशपति त्रिपाठी ने कहा कि अयोध्या ने स्वच्छता के मामले में आशातीत प्रगति की है। प्रधानमंत्री के आगमन को देखते हुए अयोध्या धाम को स्वच्छ बनाने में संतों के विशेष सहयोग की आवश्यकता है। उन्होंने स्वच्छता अभियान से धार्मिक वातावरण बनाने का आह्वान किया। नगर आयुक्त जयेंद्र कुमार ने नगर निगम के स्वच्छता अभियान की रूपरेखा प्रस्तुत की। बैठक का संचालन अपर आयुक्त नागेंद्र नाथने किया।
जनसंपर्क अधिकारी मुकेश कुमार पांडे ने बताया कि इस मौके पर उदासीन आश्रम के महंत भरत दास, हनुमानगढ़ी के महंत बलराम दास, महंत शशिकांत दास, स्वामी छविराम दास, महंत विवेक आचारी, मं. राजीव लोचन शरण, मं. रामप्रकाश दास, करपात्रीजी महाराज, मं. हरिभजन दास, मं. सियाराम शरण, मं. नारायण मिश्र, ज्ञानी चरणजीत सिंह, महंत राघव दास, जनार्दन दास, रामशंकर दास आदि संतों के अलावा अपर नगर आयुक्त भारत भार्गव, नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आरएम शुक्ल, अयोध्या धाम के जोनल अधिकारी अशोक गुप्त आदि मौजूद रहे।
