ग्रेटर नोएडा के दादरी के बिसाहड़ा गांव में एक दशक पहले हुए अखलाक हत्याकांड मामले में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सभी आरोपियों के खिलाफ आरोप वापस लेने की कार्रवाई शुरू कर दी है। इसके लिए ग्रेटर नोएडा की जिला अदालत में अर्जी दी गई है। अदालत में इस पर 12 दिसंबर को सुनवाई होगी।

सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता भाग सिंह भाटी ने बताया कि अखलाक हत्याकांड के आरोपियों के खिलाफ मुकदमा वापस लेने के संबंध में यूपी सरकार से एक पत्र प्राप्त हुआ है। पत्र जिलाधिकारी को भेजा गया है। इसके लिए सूरजपुर अदालत में आवेदन प्रस्तुत किया गया। इस मामले में 18 आरोपियों के खिलाफ नोएडा पुलिस ने सूरजपुर अदालत में चार्जशीट दाखिल की थी। वहीं, अखलाक परिवार के वकील यूसुफ सैफी ने बताया कि इस प्रकरण में अब तक उन्हें कोई आधिकारिक दस्तावेज नहीं मिला है। ऐसे में कुछ कहना उचित नहीं है।

जारचा कोतवाली क्षेत्र के बिसाहड़ा गांव में 28 सितंबर 2015 की रात गोहत्या की सूचना पर हिंसा भड़क गई थी। गांव के एक मंदिर के लाउडस्पीकर से कथित तौर पर गोहत्या की सूचना प्रसारित की गई। इसके बाद इकट्ठा हुई भीड़ ने अखलाक के घर पर हमला कर दिया और पीट-पीटकर उसकी हत्या कर दी थी। इस दौरान भीड़ ने बीच-बचाव करने आए उसके बेटे दानिश को भी पीटकर अधमरा कर दिया था।

गौरतलब है कि इस घटना के बाद दादरी का बिसाहड़ा गांव अचानक वैश्विक स्तर पर सुर्खियों में आ गया था। इसको लेकर जमकर राजनीति भी हुई थी।

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