बिहार विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस ने शनिवार को एक बार फिर निर्वाचन आयोग की भूमिका पर सवाल खड़े किए। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर राहुल गांधी ने शीर्ष नेताओं के साथ चुनाव परिणाम को लेकर लंबी मंत्रणा की।मुख्य विपक्षी दल ने कहा, ये चुनाव परिणाम अविश्वसनीय है और कुछ हफ्ते में वह सबूत सामने रखेगा। मंथन में कांग्रेस के संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल, पार्टी कोषाध्यक्ष अजय माकन और पार्टी के बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावरू भी मौजूद रहे।
दरअसल, कांग्रेस ने बिहार विधानसभा में 61 सीटों पर चुनाव लड़ा और केवल छह सीटें ही जीत पाई। वर्ष 2010 के बाद बिहार में पार्टी का यह दूसरा सबसे खराब प्रदर्शन था। उसने 2010 में केवल चार सीटें जीती थीं। वर्ष 2020 में 70 सीटों पर चुनाव लड़ते हुए कांग्रेस ने 19 सीटें जीती थीं और 9.6% वोट मिले थे। इस चुनाव में एनडीए ने 202 सीटें जीती हैं।
बैठक के बाद राहुल गांधी ने मीडियाकर्मियों से बात नहीं की। इस दौरान पार्टी के खराब प्रदर्शन के बारे में पूछे जाने पर वेणुगोपाल ने कथित वोट गड़बड़ी का आरोप लगाया। यह पूरी चुनाव प्रक्रिया संदिग्ध है और इसमें कोई पारदर्शिता नहीं है। चुनाव के परिणाम एकपक्षीय रहे हैं और इसे देखते हुए सवाल उठने लाजमी हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव परिणामों को लेकर गहन पड़ताल की आवश्यकता है, इसलिए पूरे प्रकरण की जांच होगी। एक-दो हफ्ते में ठोस सबूत पेश करेंगे।
बिहार के लोग भी नहीं कर रहे विश्वास: वेणुगोपाल ने संवाददाताओं से कहा, एक राजनीतिक दल का 90 प्रतिशत से ज्यादा का स्ट्राइक रेट है, जो भारतीय इतिहास में पहले कभी नहीं हुआ है। चुनाव के ये नतीजे सिर्फ हमारे लिए अविश्वसनीय नहीं हैं बल्कि पूरे बिहार के लोग और गठबंधन सहयोगी भी विश्वास नहीं कर रहे हैं। हमने उन सभी से बात की है। गहन विश्लेषण कर रहे हैं और पूरे बिहार से आंकड़े एकत्र कर रहे हैं।
चुनाव को निष्पक्ष नहीं बताने वाली राहुल गांधी की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर वेणुगोपाल ने कहा, हम निर्वाचन आयोग की भूमिका के बारे में बात करते रहे हैं और हमने हरियाणा चुनाव के दौरान भी इस बारे में बात की थी कि हरियाणा चुनाव में धांधली हुई है। उन्होंने कहा, चुनाव आयोग पूरी तरह से एकतरफा है। वे जो कुछ भी कर रहे हैं, उसमें बिल्कुल भी पारदर्शिता नहीं है और इसलिए यह प्रक्रिया संदिग्ध है।
