चंपारण में बापू के चरण पड़े और यहां से उठी सत्याग्रह की आंधी ने अंग्रेजों के पांव उखाड़ दिए थे। विधानसभा चुनाव में भी चंपारण की भूमिका अहम होने वाली है। पूर्वी और पश्चिमी चंपारण ने पिछले चुनाव में अपनी 21 सीटों में से 17 एनडीए की झोली में डाली थी। इस बार दूसरे चरण में मतदान करने जा रहे चंपारण के कई हिस्सों में टिकट बंटने-कटने को लेकर गम-गुस्सा उबल रहा है। कहीं माननीयों से नाराजगी दिखती है तो कई जगह लड़ाई असरदार तीसरा कोण भी बना रही है। ऐसे में सत्ता का गणित तय करने में चंपारण की हवा के रुख की बड़ी हिस्सेदारी होगी।
बिहार की पहली विधानसभा सीट वाल्मीकिनगर में जदयू ने धीरेंद्र प्रताप सिंह पर फिर दांव लगाया है। कांग्रेस से सुरेंद्र कुशवाहा मैदान में हैं। जन सुराज अपने उम्मीदवार दृगनारायण प्रसाद का पर्चा रद्द हो जाने से मैदान से बाहर हो गई है। थारू आदिवासियों, कुशवाहा, कोइरी, यादव और सहनी समाज के बड़े असर वाले वाल्मीकिनगर में सीधी टक्कर मानी जा रही है। थारू वोट को अपने पाले में बचाए रखने और बांटने की जोर-आजमाइश है। नौरंगिया के रामचंद्र महतो का मानना है कि इस बार मुकाबला कड़ा है।
रामनगर सुरक्षित सीट पर भाजपा ने भागीरथी देवी का टिकट काटकर नंद किशोर राम को उतारा है। राजद से सुबोध पासवान मैदान में हैं। जनसुराज से पप्पू कुमार रंजन भाग्य आजमा रहे हैं। सुबोध 2025 की फरवरी के चुनाव में समता पार्टी से जीते थे। समर्थक उन्हें काम करने का मौका नहीं मिलने का हवाला देते हुए उनके प्रति सहानुभूति पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। भागीरथी देवी का टिकट कटने से असंतुष्ट धड़ा भी सक्रिय है। सुबोध पहले भाजपा में रहे हैं। ब्राह्मण वोट में सेंध लग सकती है। यहां आदिवासी थारू की संख्या अधिक है। गोवर्द्धना के संतोष कुमार का मानना है कि टक्कर सीधी है।
सुगौली में वीआईपी के प्रत्याशी का नामांकन रद्द हो गया है। यहां एनडीए से लोजपा-रा के राजेश कुमार उर्फ बबलू गुप्ता, जन सुराज से अजय झा मैदान में हैं। रिटायर्ड फौजी रामबहादुर पांडेय कहते हैं कि वोट विकास के नाम पर होगा। अनिल तिवारी कहते हैं प्रशांत बड़ा फैक्टर है।
नरकटिया से राजद के डॉ. शमीम अहमद, जदयू के विशाल साह व जन सुराज से लाल बाबू प्रसाद मैदान में हैं। विष्णुपुरवा निवासी विश्वनाथ प्रसाद का कहना है कि तवा पर रोटी पलटते रहना चाहिए। बंजरिया के चैलाहा निवासी विजयकांत का मानना है कि वोट विकास के लिए ही होना चाहिए।
रक्सौल में भाजपा के प्रमोद कुमार सिन्हा, कांग्रेस से पूर्व मंत्री श्याम बिहारी प्रसाद व जन सुराज से जदयू के पूर्व जिलाध्यक्ष भुवन पटेल मैदान में हैं। मनोज कुमार सिंह कहते हैं मुकाबला कड़ा होगा। महिला मतदाता महत्वपूर्ण हैं। सोनू गुप्ता का मानना है कि वोटिंग भष्टाचार के खिलाफ होगी।
केसरिया में जदयू से शालिनी मिश्रा, वीआईपी सेे वरुण विजय व जन सुराज से नाज अहमद खां उर्फ पप्पू खां मैदान में हैं। मतदाता यहां आमने-सामने की लड़ाई देख रहे हैं। रिटायर्ड शिक्षक उमाशंकर सिंह कहते हैं कि वोट पर बड़े नेताओं का असर अधिक होगा। ध्रुव नारायण सिंह कहते हैं, महिला वोट निर्णायक है।
कल्याणपुर मे राजद से मनोज कुमार यादव, भाजपा से सचिन्द्र प्रसाद सिंह व जन सुराज से मंतोष सहनी मैदान में हैं। यादव -मुस्लिम बहुल इस सीट पर लड़ाई अगड़ा-पिछड़ा बनाने की कोशिश है। कल्याणपुर के मंजय कुमार पाण्डेय कहते हैं, सीधा मुकाबला है। वोटर खुलकर बात नहीं कर रहा।
गोविंदगंज से लोजपा-रा के प्रत्याशी राजू तिवारी, कांग्रेस केे शशि भूषण राय व जन सुराज के कृष्णा मिश्रा मैदान में हैं। भितरघात की आशंका के बीच शंभू पासवान कहते हैं कि लड़ाई आमने-सामने की है। मनोज गिरि का मानना है कि बदलाव नहीं हो रहा। खलील मियां बताते हैं कि पेंशन समय पर नहीं मिलती।
चिरैया में भाजपा से लालबाबू प्रसाद गुप्ता, राजद से लक्ष्मी नारायण प्रसाद यादव व जनसुराज से संजय सिंह मैदान में हैं। अच्छेलाल प्रसाद राजद से बागी होकर मैदान में हैं। वोटर यहां त्रिकोणात्मक मुकाबला देख रहे हैं। नवल किशोर सिंह के वोटर विकास के पक्ष में और झूठे वादों के खिलाफ होगा।
