घरों में सोलर पैनल लगवाने की योजना बना रहे लोगों को अब अपनी जेब ज्यादा ढीली करनी पड़ेगी। बाजार में सोलर स्ट्रक्चर और तार (वायर) के दामों में हुई भारी वृद्धि के कारण सोलर पैनल इंस्टॉलेशन महंगा हो गया है। बिजली के भारी बिलों से राहत दिलाने के साथ-साथ पर्यावरण की सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी सोलर पैनल लगवाने के इच्छुक लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के सदस्य हिमांशु रावत ने बताया कि तीन किलोवाट सोलर पैनल लगवाने के लिए औसतन 15 हजार रुपये तक का तार (वायर) लगता है। कंपनियों ने 10 प्रतिशत तक केबल के दाम बढ़ा दिए हैं। इससे 1500 रुपये महंगा हो गया। इसी प्रकार सोलर स्ट्रक्चर 75-78 रुपये किलो था, जोकि 80-82 रुपये प्रतिकिलो हो गया है। उत्तर प्रदेश सोलर एनर्जी डवलपमेंट एसोसिएशन (यूपीरेडा) के अध्यक्ष संचित गर्ग ने बताया कि सोलर पैनल को छत या जमीन पर स्थिर करने के लिए उपयोग किए जाने वाले धातु के ढांचे की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। यह वृद्धि मुख्य रूप से स्टील और एल्युमीनियम जैसे कच्चे माल के अंतरराष्ट्रीय बाजार में महंगे होने के कारण हुई है।
पीएम सूर्य घर योजना के तहत लखनऊ में हर महीने औसतन 1500-2000 लोग सोलर पैनल लगवाने के लिए आवेदन कर रहे हैं। शहर में पहले से ही करीब 55 हजार घरों में सोलर पैनल कनेक्शन है। जीएसटी दरों में कटौती से तीन किलोवाट तक सोलर पैनल की लागत 1.80 लाख से घटकर 1.70-1.75 लाख रुपये हो गई थी। इससे सोलर पैनल लगवाने वालों की संख्या बढ़ी थी, लेकिन सोलर स्ट्रक्चर और केबल के दाम बढ़ने से ग्राहकों को दिक्कत होगी।
सोलर प्लांट लगाने से बिजली के बिल में तो बचत होती ही है, पर्यावरण को लाभ मिलता है। यह एक टिकाऊ और सुरक्षित ऊर्जा स्रोत है जो प्रदूषण मुक्त है और जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करता है।
