बरेली में शुक्रवार को मौलाना तौकीर रजा के पैदल मार्च के ऐलान पर निकली भीड़ को रोके जाने के बाद बवाल मच गया। भीड़ की ओर से पथराव और फायरिंग में दस पुलिसकर्मियों सहित कुछ लोग घायल हो गए। पुलिस ने लाठीचार्ज और अन्य उपायों से तीन घंटे में बवाल को कंट्रोल किया। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कल ही देर रात लखनऊ में कानून-व्यवस्था की समीक्षा की जिसमें अधिकारियों को सख्त कार्रवाई के आदेश देते हुए यहां तक कह दिया कि दशहरा का पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। उपद्रवियों पर कार्रवाई के लिए किसी और समय का इंतजार न करें, यही सही समय है।
सीएम योगी ने कहा था कि एक भी उपद्रवी बचने न पाए। इसके बाद से बरेली में ताबड़तोड़ ऐक्शन जारी है। वहीं शनिवार को लखनऊ में एक मीडिया संस्थान के कार्यक्रम के दौरान सीएम योगी बरेली बवाल पर एक बार फिर गरजे। उन्होंने किसी का नाम लिए बगैर कहा, ‘आपने देखा होगा कल बरेली के अंदर, मौलाना भूल गया कि शासन किसका है। वो ये मानता था कि धमकी देंगे और हम जबरदस्ती जाम कर देंगे। हमने कहा जाम नहीं होगा। कर्फ्यू भी नहीं लगेगा। लेकिन कर्फ्यू का सबक तुम्हें ऐसा सिखा देंगे कि तुम्हारी आने वाली पीढ़ी दंगा करना भूल जाएगी।’
सीएम योगी ने कहा कि ये लोग सिस्टम को ब्लॉक करना चाहते हैं। यही प्रवृति थी यूपी के अंदर। 2017 के पहले यही होता था। हम कह सकते हैं कि 2017 के बाद हमने कर्फ्यू भी नहीं लगने दिया लेकिन ऐसे बैरियर को चुन-चुन कर वे जिस प्रकार की भाषा को समझते थे उस प्रकार की भाषा से उनको समझाकर उनके किए की सजा दिलाने का काम भी किया गया। उत्तर प्रदेश की ग्रोथ स्टोरी यहीं से शुरू होती है। बता दें कि बरेली में अब तक 50 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है। उपद्रवियों की धरपकड़ और ऐक्शन का सिलसिला जारी है।
बरेली में आईएमसी प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खां ने 21 सितम्बर को वीडियो संदेश जारी कर कानपुर में अपने समाज के युवाओं पर झूठी कार्रवाई का आरोप लगाते हुए 26 सितम्बर को प्रदर्शन करने का ऐलान किया था। गुरुवार रात इजाजत नहीं मिलने का हवाला देकर इस प्रदर्शन को रद्द कर दिया गया। लेकिन शुक्रवार की सुबह मौलाना ने फिर एक वीडियो संदेश जारी कर लोगों से इस्लामिया मैदान आने की अपील कर दी। वीडियो वायरल होने के बाद ही नमाज के बाद वहां भीड़ जुटने लगी। इसी दौरान उपद्रवियों ने पुलिस पर पथराव कर माहौल बिगाड़ने की कोशिश की।
