विजडम इंडिया।
देहरादून, 25 सितम्बर 2025।
डॉ. मुक्ति भटनागर सुभारती स्कूल ऑफ फाइन आर्ट्स एंड फैशन डिजाइन, रास बिहारी बोस सुभारती विश्वविद्यालय, देहरादून ने अपनी रचनात्मक और अकादमिक प्रतिभा का शानदार प्रदर्शन करते हुए श्रीराम राष्ट्रीय संगोष्ठी एवं श्रीराम राष्ट्रीय कला प्रदर्शनी में सक्रिय भागीदारी की। यह भव्य आयोजन स्नेहिल और भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICSSR) के संयुक्त तत्वावधान में 19 से 24 सितम्बर तक एम.के.पी. पीजी कॉलेज में आयोजित हुआ।

सम्मेलन में अनेक विशिष्ट अतिथि उपस्थित रहे, जिनमें प्रमुख थे , माननीय शिक्षा मंत्री श्री धन सिंह रावत जी, श्री खजान दास जी, डॉ. फारूक, श्री भारत भंडारी, डॉ. आलोक भावसार (भोपाल के प्रसिद्ध कलाकार), डॉ. विनिता दहिया जबकि अध्यक्षता मुख्य विकास अधिकारी देहरादून श्री अभिनव शाह (आईएएस) ने की।
साथ ही देश के विभिन्न हिस्सों से आए प्रतिष्ठित कलाकारों और विद्वानों ने भारतीय कला और संस्कृति का उत्सव मनाया।
इस अवसर पर रास बिहारी बोस विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ. हिमांशु ऐरन गेस्ट ऑफ ऑनर और की नोट स्पीकर के रूप में उपस्थित रहे। अपने संबोधन में उन्होंने कहा:

“भारतीय कला और संस्कृति केवल सौंदर्य का साधन नहीं है, बल्कि यह हमारी पहचान, हमारी आत्मा और हमारी आध्यात्मिक शक्ति का आधार है। रामचरितमानस में निहित आदर्श आज भी समाज को दिशा देने की क्षमता रखते हैं। सुभारती विश्वविद्यालय का ध्येय है कि शिक्षा और कला के माध्यम से हम नई पीढ़ी को भारतीय संस्कृति से जोड़ें और वैश्विक स्तर पर अपनी परंपरा की गरिमा स्थापित करें।”
उनके वक्तव्य ने समूचे सम्मेलन में उपस्थित विद्वानों, कलाकारों और विद्यार्थियों के बीच उत्साह का संचार किया।

फाइन आर्ट्स विभाग की डीन डॉ. रीता तिवारी आमंत्रित कलाकार रहीं। उन्होंने कला प्रदर्शनी में अपनी रचनात्मक प्रस्तुति दी, सेमिनार में कीनोट स्पीकर के रूप में व्याख्यान प्रस्तुत किया और आयोजन समिति की सक्रिय सदस्य रहीं। अपने वक्तव्य में उन्होंने कहा:
“भारतीय कला की जड़ें हमारी संस्कृति में गहराई तक फैली हुई हैं। ऐसे आयोजनों से कलाकारों और विद्यार्थियों को न केवल मंच मिलता है, बल्कि भारतीयता के मूल्यों को आत्मसात करने का अवसर भी प्राप्त होता है।”
विश्वविद्यालय के छात्रों आमंत्रित कार्तिक अग्रवाल, वंशिका बडोला, शुभम डुंगरियाल, अमन बिष्ट, काजल प्रजापति और नंदिनी नेगी ने राष्ट्रीय कला प्रदर्शनी में भाग लेकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। अमन बिष्ट को प्रथम पुरस्कार प्राप्त हुआ, कार्तिक अग्रवाल को सांत्वना पुरस्कार से नवाज़ा गया।

इस अवसर पर एक पुस्तक का विमोचन भी हुआ, जिसमें डॉ. रीता तिवारी और काजल प्रजापति के शोधपत्र शामिल किए गए।
संकाय सदस्य सुश्री प्रतिष्ठा भंडारी, शोधार्थी अर्चना रानी और श्रिष्टि शाही ने भी अपने शोधपत्र प्रस्तुत किए।
परफॉर्मिंग आर्ट्स विभाग ने तुलसीदास कृत रामचरितमानस पर आधारित “सीता स्वयंवर” नामक नृत्य-नाटिका प्रस्तुत की, जिसका निर्देशन और कोरियोग्राफी श्री आयुष कुमार ने किया। इस अद्भुत प्रस्तुति ने दर्शकों को भावविभोर कर दिया।
कार्यक्रम में श्री संतोष साहनी को कला क्षेत्र में उनके योगदान हेतु स्नेहिल कला निधि सम्मान 2025 से सम्मानित किया गया।
