पटना में अगले छह दिनों में पटना मेट्रो का उद्घाटन हो जाएगा और यात्रियों के लिए सेवा शुरू हो जाएगी। शुरुआत में कुछ स्टेशन के बीच ही मेट्रो रेल चलेगी लेकिन सरकार हर महीने इसके नेटवर्क में नए स्टेशनों को जोड़ते और चालू करती जाएगी। सितंबर महीने में अब 6 दिन ही बचे हैं, लेकिन नीतीश कुमार की सरकार में नगर विकास मंत्री और भाजपा के नेता जीवेश कुमार ने कहा है कि इसी महीने के अंत तक पटना मेट्रो का उद्घाटन हो जाएगा। जीवेश ने कहा नहीं है, लेकिन संभावना है कि इसी शनिवार या रविवार, नहीं तो 29 या 30 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका उद्घाटन करने फिर बिहार आ सकते हैं। 15 सितंबर को पीएम ने पूर्णिया एयरपोर्ट का उद्घाटन किया था।

नगर विकास मंत्री जीवेश कुमार ने पत्रकारों से कहा- “पटना मेट्रो रेल का उद्घाटन इसी महीने के अंत तक हो जाएगा। प्रारंभ में कुछ स्टेशन पर परिचालन शुरू होगा। उसके बाद हर महीने स्टेशनों की संख्या बढ़ाई जायेगी।” 17 सितंबर और 7 सितंबर को मेट्रो ट्रेन का ट्रायल हुआ था, जब ट्रेन न्यू पाटलिपुत्र बस टर्मिनल (आईएसबीटी) से भूतनाथ स्टेशन तक गई थी। 17 सितंबर को ट्रेन को 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ाकर ट्रैक और दूसरे तकनीकी परीक्षण किए गए थे। 3 सितंबर को डिपो में ट्रायल हुआ था।

जिस रूट पर सबसे पहले मेट्रो दौड़ेगी, वो पटना मेट्रो प्रोजेक्ट का सेकंड कॉरिडोर है। इसे ब्लू लाइन नाम दिया गया है। ब्लू लाइन रूट पर जब सारे 12 स्टेशन चालू हो जाएंगे तो मेट्रो पटना जंक्शन से आईएसबीटी तक चलेगी। ब्लू लाइन पर पटना जंक्शन, आकाशवाणी, गांधी मैदान, पीएमसीएच, साइंस कॉलेज, मोइनुल हक स्टेडियम, राजेंद्र नगर, मलाही पकड़ी, खेमनीचक, भूतनाथ, जीरो माइल (मील) और आईएसबीटी में स्टेशन होगा।

पटना मेट्रो के पहले कॉरिडोर को रेड लाइन नाम मिला है। रेड लाइन पर मेट्रो दानापुर कैंट से खेमनीचक तक 14 स्टेशनों के बीच दौड़ेगी। रेड लाइन पर दानापुर कैंट, सगुना मोड़, आरपीएस मोड़, पाटलिपुत्र, रुकनपुरा, राजा बाजार, चिड़ियाघर, विकास भवन, विद्युत भवन, पटना जंक्शन, मीठापुर, रामकृष्ण नगर, जगनपुरा और खेमनीचक में स्टेशन बनेगा। पटना जंक्शन और खेमनीचक स्टेशन दोनों लाइन के इंटर-चेंज स्टेशन होंगे, जहां यात्री एक लाइन से दूसरे लाइन की मेट्रो पकड़ सकेंगे।

पटना मेट्रो लगभग 14 हजार करोड़ की परियोजना है, जिसमें राज्य और केंद्र सरकार 20-20 फीसदी खर्च वहन कर रही है। बाकी पैसा लंबी अवधि के कर्ज के तौर पर जापान इंटरनेशन कोऑपरेशन एजेंसी (JICA) से मिला है।

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