अक्सर अपनी बयानों की वजह से चर्चा में रहने वाले मौलाना कारी इसहाक गौरा ने सहानपुर में हर साल लगने वाले मेले में मुसलमानों के जाने पर आपत्ति जताई है। उन्होंने वीडियो जारी कर मुस्लिम औरतों को नसीहत दी है। उन्होंने कहा है कि हर साल लगने वाले गुघाल मेले में जाना इस्लामी उसूलों के खिलाफ है। मुस्लिम इस मेले में पूरी रात गुजार देते हैं उन्हें सुबह की नमाज का पता नहीं होता है।

मौलाना ने वीडियो जारी करते हुए कहा, “हमारे शहर में एक मेले का आयोजन होता है। इस मेले में तरह-तरह के प्रोग्राम होते हैं। यह मेला पूरे रात चलता है। इसके प्रोग्राम भी पूरी रात चलता है। अफसोस की बात है कि इसकी रौनक हम लोग होते हैं। पूरी-पूरी रात वहीं गुजार देते हैं। सुबह की नमाज का कुछ नहीं पता है। सवाल ये पैदा होता है कि क्या ये हमारा कल्चर है। ये यह हमारी तहजीब है। क्या यह हमारे वसूल हैं। क्या पूरी रात हम उसमें गुजार दें और सुबह की नमाज से गायब हो जाए। अल्लाह ने रात आराम और इबादत के लिए दी हैं।”

मौलाना कारी इसहाक गौरा ने आगे कहा कि बड़े अफसोस की बात है कि इस मेले में हमारे घर की ख्वातीन जाती हैं। उन्हें कोई रोकने-टोकने वाला नहीं है। हमें अपनी तहजीब, अपने कल्चर और अपने वसूलों को याद करना चाहिए। हमें अपने वसूलों को ऐसा पेश करना चाहिए कि आप यकीनन मुसलमान हैं।

इससे पहले जमीयत दावतुल मुसलीमीन के संरक्षक मौलाना कारी इस्हाक गोरा ने कहा कि मोहम्मद साहब से मोहब्बत का इजहार करने पर एफआईआर दर्ज करना सिर्फ इंसाफ के खिलाफ ही नहीं बल्कि लोकतंत्र के उसूलों की तौहीन है। मौलाना कारी इस्कार ने मंगलवार को मीडिया में जारी बयान में कहा कि मोहब्बत-ए-रसूल इमान का हिस्सा है और इस मोहब्बत का इजहार करना मुसलमानों का बुनियादी हक है। लेकिन अफसोस कि बात है कि इसको लेकर लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की जा रही है।
उन्होंने कहा कि पैगंबर मोहम्मद साहब की मोहब्बत को कोई ताकत हमारे दिलों से नहीं निकाल सकती। लेकिन मुसलमानों को यह भी याद रखना चाहिए कि मोहम्मद साहब ने ऐसे मौकों पर सब्र, हिकमत और अमन बरकरार रखने की तालीम दी है, इसलिए हमे पूरा ध्यान रखना होगा कि कहीं हमारी जल्दबाजी या नासमझी से दुश्मनों को फसाद फैलाने का मौका न मिल जाए।
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