शिक्षा, समाजसेवा और साहित्य में बहुमूल्य योगदान के लिए सम्मानित

देहरादून। शिक्षा, समाजसेवा और साहित्य के क्षेत्र में विशिष्ट पहचान बनाने वाले सुभारती विश्वविद्यालय समूह के चेयरमैन एवं प्रख्यात शिक्षाविद डॉ. अतुल कृष्ण को “महाकवि गोपालदास ‘नीरज’ सम्मान 2025” से अलंकृत किया गया। यह सम्मान उन्हें सुभारती परिसर में आयोजित एक भव्य समारोह में प्रदान किया गया।

सम्मान समारोह में सुभारती महाकवि गोपालदास नीरज फाउंडेशन के महासचिव एवं नीरज जी के सुपुत्र मृगांक प्रभाकर तथा फाउंडेशन के जनसंपर्क सचिव, उत्तराखंड सरकार के भाषा संस्थान के पूर्व उपाध्यक्ष व प्रसिद्ध शायर प्रो. अफ़ज़ल मंग्लोरी ने डॉ. अतुल कृष्ण को शाल, पुष्पगुच्छ और सम्मान चिन्ह प्रदान किया।

इस अवसर पर प्रो. अफ़ज़ल मंग्लोरी ने कहा कि “डॉ. अतुल कृष्ण केवल शिक्षा जगत के स्तंभ नहीं, बल्कि साहित्य और समाज की नब्ज़ पहचानने वाले दूरदर्शी व्यक्तित्व हैं। महाकवि नीरज जी के साथ उनका आत्मीय और पारिवारिक रिश्ता रहा है। साहित्य, समाज और शिक्षा के क्षेत्र में उनका योगदान आने वाली पीढ़ियों के लिए मिसाल है।”

सम्मान ग्रहण करते हुए भावुक डॉ. अतुल कृष्ण ने कहा—
“यह सम्मान मेरे लिए केवल व्यक्तिगत गौरव नहीं, बल्कि समस्त सुभारती परिवार और साहित्य-जगत का सम्मान है। महाकवि नीरज जी का जीवन हमें यह सिखाता है कि साहित्य तभी सार्थक है जब वह राष्ट्र निर्माण, चरित्र निर्माण, देशभक्ति और सामाजिक समरसता को सुदृढ़ बनाए। आज के कवियों को चाहिए कि वे नीरज जी की रचनाओं से प्रेरणा लेकर ऐसे साहित्य की रचना करें जो समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाए और राष्ट्र को नई दिशा दे।”

इस अवसर पर डॉ. अतुल कृष्ण ने अपनी चर्चित पुस्तक “राष्ट्र अनुभूति” भी फाउंडेशन को भेंट की और महाकवि नीरज की स्मृति को नमन किया।

इस उपलब्धि पर रास बिहारी बोस सुभारती विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर डॉ. हिमांशु ऐरन ने डॉ. कृष्ण को हार्दिक बधाई दी और इसे सम्पूर्ण सुभारती परिवार के लिए गर्व का क्षण बताया।
प्रो. डॉ. ऐरन ने कहा कि “डॉ. अतुल कृष्ण का यह सम्मान केवल उनकी व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है, बल्कि पूरे सुभारती समूह के लिए गौरव और प्रेरणा का विषय है। शिक्षा, समाजसेवा और साहित्य के क्षेत्र में उनका बहुमूल्य योगदान हमारे विश्वविद्यालय की पहचान को नई ऊँचाइयों तक ले गया है। उनका व्यक्तित्व और विचार राष्ट्र निर्माण एवं सामाजिक समरसता को सुदृढ़ करने वाले आदर्श के रूप में सदैव प्रेरणादायी बने रहेंगे।”

गौरतलब है कि डॉ. अतुल कृष्ण शिक्षा, पत्रकारिता, समाजसेवा और साहित्य – चारों क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य कर चुके हैं। उनका मानना है कि “शिक्षा और साहित्य ही राष्ट्र को संस्कारित और समृद्ध बना सकते हैं।”

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