डॉ. आशीष डोभाल ने बीपीटी के महत्व पर प्रकाश डाला, डॉ. रश्मि भारद्वाज ने सफल आयोजन की सराहना की
विजडम इंडिया संवाददाता।
देहरादून, 4 सितम्बर – रास बिहारी बोस सुभारती विश्वविद्यालय देहरादून से संबद्धता प्राप्त श्री देव सुमन मेडिकल कॉलेज के फिजियोथेरेपी विभाग में आज विश्व फिजियोथेरेपी दिवस के अवसर पर एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ विधिवत पूजा-अर्चना एवं दीप प्रज्वलन के साथ हुआ।

इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. आशीष डोभाल, हेड, पैरामेडिकल कोर्सेज, उत्तरांचल यूनिवर्सिटी ने “बीपीटी (बैचलर ऑफ फिजियोथेरेपी) और स्वस्थ वृद्धावस्था में फिजियोथेरेपी की भूमिका” विषय पर व्याख्यान प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि –
“आज के दौर में बीपीटी केवल एक शैक्षणिक कार्यक्रम ही नहीं बल्कि एक ऐसा व्यावहारिक क्षेत्र है जो समाज को स्वस्थ जीवन की ओर अग्रसर करता है। बुजुर्गों में होने वाली बीमारियों, हड्डियों और मांसपेशियों की समस्याओं तथा जीवनशैली संबंधी विकारों से निपटने में फिजियोथेरेपी की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। आने वाले समय में फिजियोथेरेपिस्ट न केवल अस्पतालों और क्लीनिक्स तक सीमित रहेंगे, बल्कि फिटनेस सेंटर्स और सामुदायिक स्वास्थ्य सेवाओं में भी अहम योगदान देंगे।”

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रस बिहारी बोस सुभारती विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रो. डॉ. हिमांशु ऐरन ने अपने प्रेरक शब्दों से छात्रों एवं प्रतिभागियों का मार्गदर्शन किया। उन्होंने कहा कि –
“फिजियोथेरेपी एक ऐसा क्षेत्र है जो मानवता की सेवा में प्रत्यक्ष रूप से योगदान देता है। रास बिहारी बोस सुभारती विश्वविद्यालय सदैव छात्रों को उत्कृष्ट शिक्षा, आधुनिक प्रयोगशालाओं और व्यावहारिक प्रशिक्षण के अवसर उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध रहा है। विश्वविद्यालय का ध्येय केवल डिग्री प्रदान करना नहीं, बल्कि ऐसे कुशल और संवेदनशील स्वास्थ्यकर्मी तैयार करना है जो समाज के हर वर्ग तक स्वास्थ्य सेवाओं की रोशनी पहुँचा सकें। आज का यह आयोजन इसी संकल्प का प्रतीक है।”

डॉ. ऐरन ने आगे कहा कि फिजियोथेरेपी छात्रों के लिए आज के समय में रोजगार और सामाजिक सेवा के अपार अवसर उपलब्ध हैं, और यह क्षेत्र आने वाले दशकों में और अधिक सशक्त एवं प्रासंगिक होता जाएगा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. रश्मि भारद्वाज ने की। उन्होंने इस आयोजन को अत्यंत सफल और प्रभावशाली बताया तथा उपस्थित सभी अतिथियों और छात्रों का उत्साहवर्धन किया।

कार्यक्रम में उपस्थित सभी विद्यार्थियों, फैकल्टी सदस्यों और अतिथियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। अंत में धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया गया और सभी ने मिलकर फिजियोथेरेपी के महत्व को समाज तक पहुँचाने का संकल्प लिया।
