Mukesh Ambani Reliance: अमेरिकी ब्रोकरेज हाउस मॉर्गन स्टेनली का कहना है कि मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज चीन की नई पॉलिसी से बड़ा फायदा उठाने वाली है। बता दें कि चीन ने हाल ही में अपने घरेलू बाजार में कीमतों की जंग पर लगाम लगाने और प्रतिस्पर्धा को संतुलित करने के कदम उठाए हैं। इस बदलाव से एशियाई केमिकल और एनर्जी सेक्टर में दाम स्थिर होने की संभावना है, जिससे रिलायंस जैसी कंपनियों की मार्जिन और मुनाफाखोरी मजबूत होगी। मॉर्गन स्टेनली के मुताबिक, ये कदम रिलायंस को वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त दिला सकते हैं।

इस बीच, मॉर्गन स्टेनली ने रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड पर अपना ‘ओवरवेट’ रुख बरकरार रखा है और इस दिग्गज कंपनी के लिए अपने टारगेट प्राइस को पहले के 1,602 रुपये प्रति शेयर से बढ़ाकर 1,701 रुपये कर दिया है। बता दें कि आज आरआईएल के शेयर 1,381.50 रुपये पर आ गए। इसमें 2 पर्सेंट की तेजी है।

मॉर्गन स्टेनली ने कहा है कि चीन की एंटी-इनवॉल्यूशन पॉलिसी पेट्रोकेमिकल सेक्टर में चक्र के निचले स्तर का संकेत देती हैं। वहीं, बीजिंग द्वारा सोलर सेक्टर में ओवरकैपेसिटी कम करने के कदम रिलायंस की सोलर सप्लाई चेन के लिए बेहतर प्राइसिंग में मदद करेंगे। ब्रोकरेज फर्म का अनुमान है कि चीन और रिलायंस इंडस्ट्रीज के ये प्रयास मिलकर कंपनी के लिए लगभग 20 बिलियन डॉलर का नेट एसेट वैल्यू अनलॉक कर सकते हैं, और इसकी FY28 की कमाई का अनुमान 17% तक बढ़ा सकते हैं।

बता दें कि चीन इस समय अलग-अलग उद्योगों में अत्यधिक क्षमता पर लगाम लगाने और बाजार को संतुलित करने की कोशिश कर रहा है। बीजिंग (चीन सरकार) इन दिनों डिफ्लेशन (मूल्य गिरने की समस्या) से जूझ रहा है। ऐसे समय में ‘anti-involution’ की दिशा में उठाए गए कदमों से शेयर बाजार को सहारा मिला है और निवेशकों का भरोसा बढ़ा है। इसके अलावा, रिलायंस इंडस्ट्रीज अपने आंतरिक पुनर्गठन पर भी काम कर रही है। दोनों कारणों से कंपनी की प्रॉफिटेबिलिटी और बाजार में पकड़ और मजबूत होने की संभावना है। जानकारों का मानना है कि इस कदम से रिलायंस इंडस्ट्रीज को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त मिल सकती है और यह आने वाले समय में कंपनी के शेयरधारकों के लिए भी सकारात्मक साबित होगा।

रिलायंस भारत में एक पूरी तरह से इंटीग्रेटेड सोलर सप्लाई चेन बना रहा है, ठीक उसी समय जब चीन अपनी अत्यधिक उत्पादन की वजह से पॉलीसिलिकॉन उत्पादन को कम करने पर मजबूर है। मॉर्गन स्टेनली का कहना है कि इस बदलाव से रिलायंस की ऊर्जा लागत 2030 तक लगभग 40% तक कम हो सकती है, और कंपनी की न्यू-एनर्जी (ग्रीन एनर्जी) से होने वाली कमाई 2027 तक 13% तक पहुँच सकती है। बता दें कि 29 अगस्त को हुई अपनी वार्षिक आम बैठक (AGM) में रिलायंस ने बड़ा ग्रीन एनर्जी रोडमैप पेश किया। चेयरमैन मुकेश अंबानी और डायरेक्टर अनंत अंबानी ने घोषणा की कि कंपनी भारत में बड़े पैमाने पर ग्रीन एनर्जी प्रोजेक्ट्स बनाएगी और भविष्य में स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में प्रमुख भूमिका निभाएगी।

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