यूपी में कांवड़ यात्रा मार्ग में स्थित होटलों मालिकों के नाम लिखने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इसे लेकर अब योग गुरु बाबा रामदेव ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित भोजनालयों में मालिकों के नाम प्रदर्शित करने के उत्तर प्रदेश सरकार के निर्देश का समर्थन किया है। रामदेव का कहना है कि पहचान छिपाना हर दृष्टि से गलत है। मुसलमानों को मुस्लिम होने पर गर्व होना चाहिए। उनकी पूर्वज हिंदू थे इसलिए उन्हें नाम बताना चाहिए।
कांवड़ यात्रा मार्ग में स्थित होटल मालिकों के नाम प्रदर्शित करने को लेकर बाबा रामदेव ने कहा, “स्वामी रामदेव को हिंदू और सनातन होने पर गर्व है है। ऐसे ही सभी मुसलमानों को मुस्लिम होने पर गर्व होना चाहिए और ये भी गर्व होना चाहिए कि सभी मुसलमानों के पूर्वज हिंदू हैं इसलिए अपना नाम छिपाने में कुछ भी नहीं रखा है। इसलिए नाम बताना चाहिए। किसी की मर्जी होगी तो वह आकर होटल में आकर खाना खाएगा या मन होगा नहीं आएगा। यह उसको तय करना है। किसी भी प्रकार से नाम छिपना न ही व्यावहारिक और धार्मिक स्तर से उचित है।”
हर खरीददार का हक है दुकानदार का नाम जानना
इससे पहले सूबे के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि उनकी प्रतिबद्धता प्रदेश में कांवड़ यात्रा के सकुशल आयोजन को लेकर है। हर क्रेता का अधिकार है कि वो जाने कि किस व्यक्ति से वो सामान खरीद रहा है। नाम प्रदर्शित करना फर्ज है। इसी को योगी सरकार ने आग्रह किया है कि सभी विक्रेता अपने नाम-पते को प्रदर्शित करें जिससे खरीददार को स्पष्टता रहे।
सुप्रीम कोर्ट पहुंचा नेम प्लेट विवाद
यूपी में कांवड़ यात्रा मार्गों पर दुकानदारों को अपना नाम और पहचान सार्वजनिक करने का मामला एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट की दहलीज पर पहुंच गया है। शीर्ष अदालत में दायर याचिका में कहा गया है कि प्रदेश में कुछ हिंदू संगठनों द्वारा कांवड़ यात्रा मार्ग पर रेस्टोरेंट, ढाबों, खाने-पीने की दुकानों और फलों की रेहड़ियों के मालिकों पर जबरन नाम और पहचान उजागर करने का दबाव बनाया जा रहा है। याचिका में इसे मनमानी और गैरकानूनी गतिविधि करार दिया गया है।