विजडम इंडिया।
देहरादून। रास बिहारी बोस सुभारती विश्वविद्यालय में 28 जून 2025 को अभिनव भारत आभार पर्व ,संस्कृति विभाग विश्वविद्यालय, देहरादून एवं अभिनव भारत आभार पर्व, रासबिहारी बोस शोध संस्थान के संयुक्त तत्वाधान में मनाया गया । देश की आज़ादी में अतुलनीय योगदान देने वाले क्रांतिकारी रासबिहारी बोस की स्मृति को समर्पित इस विशेष कार्यक्रम में 82वें ‘आजाद हिंद सरकार वर्ष’ को वैश्विक स्तर पर मनाने के प्रस्ताव के साथ राष्ट्र के गुमनाम नायकों को श्रद्धांजलि देने और उनकी विचारधारा को पुनर्जीवित करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया।


इस अभिनव भारत आभार पर्व में देशभर से विचारकों, शिक्षाविदों, विद्यार्थियों एवं राष्ट्रप्रेमियों ने भाग लिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता रासबिहारी बोस सुभारती विश्वविद्यालय के कुलपति महोदय माननीय प्रोफेसर डॉक्टर हिमांशु ऐरन ने की अपने उद्बोधन माननीय कुलपति महोदय ने देश की सुंदरता में क्रांतिकारी संघर्ष के महत्व पर व उसकी प्रासंगिगता पर युवाओं को संदेश दिया ।

इस अवसर पर रासबिहारी बोस शोध संस्थान के प्रतिनिधियों श्री विजय पटेल एवं उनके सहायक श्री नवीन जी ने रासबिहारी बोस के योगदान, जापान में उनके संघर्ष और आजाद हिंद सरकार की स्थापना जैसे ऐतिहासिक विषयों पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर रासबिहारी बोस और भारत-जापान संबंधों को चिह्नित करते हुए मित्सुरु तोयामा-सान की प्रतिमा विश्वविद्यालय को समर्पित की गई। यह प्रतिमा जापान में रासबिहारी बोस के मार्गदर्शक रहे मित्सुरु तोयामा के सम्मान में, भारत-जापान मैत्री के प्रतीक के रूप में स्थापित की गई। साथ ही एक मुक्त चर्चा सत्र आयोजित किया गया, जिसमें “आजाद हिंद सरकार वर्ष” को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाने हेतु विभिन्न रचनात्मक सुझाव सामने आए। इस आयोजन के माध्यम से युवाओं में देशभक्ति की भावना जागृत करने, इतिहास के अनसुने नायकों को उचित स्थान दिलाने और राष्ट्रीय चेतना को सशक्त करने का प्रयास किया गया।

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