ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान की मदद करने वाले तुर्की और समर्थन करने वाले अजरबैजान के पर्यटन स्थलों का भारतीय बहिष्कार कर रहे हैं और लगातार अपने टिकट कैंसल करवा रहे हैं। इसके साथ ही लोग गर्मी की छुट्टियों के लिए नए गंतव्यों की तलाश कर रहे हैं। इस सिलसिले में कज़ाकिस्तान, मिस्र, जॉर्डन, जॉर्जिया और आर्मेनिया जैसे देश भारतीय पर्यटकों के लिए नए विकल्प बनकर उभरे हैं।

पर्यटन उद्योग के जानकारों के मुताबिक, कुछ लोग दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों मसलन, इंडोनेशिया, वियतनाम और कंबोडिया के लिए भी जानकारी जुटा रहे हैं लेकिन इस समय वहां का गर्म मौसम कुछ के लिए अड़चनें पैदा कर रहा है तो कुछ को वीजा फ्री इंट्री लुभा रहा है। दूसरी तरफ ठंडी जलवायु होने के बावजूद यूरोपीय देश इस स्थिति का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं क्यों कि वहां वीजा मिलने में कठिनाई आ रही है।

जर्मनी, फ्रांस, इटली और स्पेन जाने में वीजा की अड़चन

विशेषज्ञों के मुताबिक, भारतीय नागरिकों के लिए सबसे लोकप्रिय शेंगेन देश जर्मनी, फ्रांस, इटली और स्पेन रहे हैं लेकिन वहां वीज़ा अपॉइंटमेंट के लिए कई महीनों तक इंतजार करना पड़ता है। इसलिए मौजूदा गर्मियों की छुट्टियों के मौसम में वहां जाना मुश्किल लग रहा है। ऐसी परिस्थितियों में भारतीय पर्यटकों ने मध्य एशियाई देशों की तरफ अपना रुख कर लिया है।

10 दिनों में 42 फीसदी की गिरावट

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में वीज़ा प्रोसेसिंग प्लेटफ़ॉर्म एटलिस के हवाले से कहा गया है कि पिछले 10 दिनों में, जब से तुर्की और अज़रबैजान ऑपरेशन सिंदूर के मद्देनजर पाकिस्तान के समर्थन में आए हैं, तब से इन दोनों देशों के लिए वीज़ा आवेदनों में भारी गिरावट आई है। एटलिस के मुताबिक, तुर्की और अजरबैजान के लिए वीजा आवेदनों में 42 फीसदी की गिरावट आ चुकी है।

इन मुस्लिम बहुल मुल्कों की तरफ झुकाव

एसटीआईसी ट्रैवल ग्रुप के चेयरमैन और इंडियन एसोसिएशन ऑफ टूर ऑपरेटर्स (आईएटीओ) के अध्यक्ष सुभाष गोयल के मुताबिक, बदले भू-राजनीतिक परिस्थितियों में भारतीय पर्यटकों की पसंद तुर्की की जगह इस्लामिक देश मिस्र और जॉर्डन हो गई है, जबकि अजरबैजान की तुलना में लोग अब आर्मेनिया और जॉर्जिया को प्राथमिकता दे रहे हैं। कुछ लोग मुस्लिम बहुल कजाकिस्तान भी जा रहे हैं।

0Shares

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *