भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव है। इस बीच सुरक्षा और खुफिया एजेंसियां भी अलर्ट मोड पर हैं। शनिवार को भारत से 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिनपर खुफिया जानकारी पाकिस्तान भेजने का आरोप है। कई लोगों पर खुफिया एजेंसियों की नजर है और जासूसी करने वालों को पकड़ा जा रहा है। अब लोग जानना चाह रहे हैं कि आखिर पाकिस्तान जाने वाले फोन कॉल को खुफिया एजेंसी ट्रैक कैसे करती है और पता कैसे लगाया जाता है?

पाक की हर कॉल की होती है निगरानी

आपको बता दें कि खुफिया एजेंसी टेलिफोन ट्रैकिंग तकनीक का इस्तेमाल करती है। इसके माध्यम से फोन कॉल के सोर्स और जगह की पहचान करने में आसानी हो जाती है। इसके अलावा खुफिया एजेंसियां टेलीफोन इंटरसेप्शन का भी इस्तेमाल करती हैं। इसी के माध्यम से पाकिस्तान जाने वाली हर फोन कॉल पर निगरानी करती हैं और उसे ट्रेस किया जाता है।

भारतीय खुफिया एजेंसियां अंतरराष्ट्रीय सहयोग के जरिए भी पाकिस्तान जाने-आने वाली हर कॉल की निगरानी करती हैं और उसे ट्रेस करती हैं। वहीं कई अन्य खुफिया तरीकों से भी कॉल को ट्रेस किया जाता है। जब कोई फोन टावर के जरिए कनेक्ट होता है तो आसानी से उस लोकेशन का भी पता लगाया जा सकता है। हर एक फोन का एक अलग आईएमईआई नंबर होता है और उसके जरिए एजेंसियां आसानी से ट्रैक कर लेती हैं।

बता दें कि इसके अलावा ट्रेस करने का एक और भी तरीका है जिसके माध्यम से खुफिया एजेंसियां कॉल को ट्रेस करती हैं। दरअसल आप जो भी सिम का इस्तेमाल कर रहे हैं, उसकी कंपनी के पास कॉल रिकॉर्ड्स और अन्य जानकारी भी होती है। इसके माध्यम से भी आपके कॉल की जानकारी खुफिया एजेंसियों को मिल जाती है।

ज्योति मल्होत्रा गिरफ्तार

पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार हरियाणा बेस्ड ट्रैवल व्लॉगर ज्योति मल्होत्रा ​​यूट्यूब और इंस्टाग्राम पर काफी फेमस हैं। उन्होंने पाकिस्तान की अपनी यात्राओं के कई वीडियो पोस्ट किए हैं। पाकिस्तानी एजेंटों के साथ संवेदनशील जानकारी शेयर करने के आरोप में छह अन्य लोगों के साथ गिरफ्तार की गई ज्योति मल्होत्रा ​​यूट्यूब चैनल ‘ट्रैवल विद जो’ चलाती हैं और उनके करीब 3,77,000 फॉलोअर्स हैं।

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