खालिस्तान समर्थक संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ के प्रमुख अमृतपाल सिंह के करीबी वरिंदर सिंह उर्फ ‘फौजी’ को मंगलवार को एक बार फिर सख्त सुरक्षा के बीच अजनाला कोर्ट में पेश किया गया। अदालत ने पंजाब पुलिस की मांग पर विचार करते हुए उसे तीन दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया। इससे पहले फौजी को राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत हिरासत की अवधि पूरी होने के बाद असम की डिब्रूगढ़ जेल से पंजाब लाया गया था।

पुलिस ने पूछताछ के लिए मांगी थी सात दिन की रिमांड

डीएसपी अजनाला गुरविंदर सिंह ने बताया कि पुलिस ने कोर्ट से सात दिन की रिमांड मांगी थी, ताकि पूछताछ के दौरान जरूरी सबूत और हथियार बरामद किए जा सकें। हालांकि, अदालत ने तीन दिन की ही रिमांड दी है। पुलिस का कहना है कि इस दौरान कई अहम खुलासे होने की उम्मीद है। अब 4 अप्रैल को एक बार फिर फौजी को कोर्ट में पेश किया जाएगा।

अजनाला थाने पर हमले में था शामिल

वरिंदर सिंह फौजी भारतीय सेना से सेवानिवृत्त होने के बाद अमृतपाल सिंह का निजी सुरक्षा गार्ड बन गया था। वह फरवरी 2023 में अजनाला थाने पर हुए हमले में भी शामिल था। इस हमले में अमृतपाल के समर्थकों ने बड़ी संख्या में पुलिस पर हमला किया था, जिसके बाद यह मामला सुर्खियों में आ गया था।

पहले भी मिल चुकी है पुलिस हिरासत

इससे पहले, अजनाला की उप-विभागीय अदालत ने 28 मार्च को फौजी को पांच दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा था। पुलिस ने तब भी पूछताछ के दौरान कई अहम सबूत जुटाने का दावा किया था। अब नई रिमांड के दौरान पुलिस को उम्मीद है कि वह अमृतपाल के नेटवर्क और उसके समर्थकों से जुड़ी कई अहम जानकारियां निकाल सकेगी।

कोर्ट में पेशी के दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। फौजी को हथकड़ी लगाकर लाया गया और चारों ओर पुलिस बल तैनात था। सूत्रों के मुताबिक, पुलिस अब यह भी जांच कर रही है कि अमृतपाल सिंह के फरार होने में फौजी की कोई भूमिका थी या नहीं।

फौजी की रिमांड के दौरान अमृतपाल और उसके संगठन से जुड़ी कई नई जानकारियां सामने आ सकती हैं। पुलिस को उम्मीद है कि वह अमृतपाल के अन्य सहयोगियों की लोकेशन और उनके अगले कदमों का भी पता लगा सकेगी। अब सभी की नजरें 4 अप्रैल पर टिकी हैं, जब फौजी को फिर से कोर्ट में पेश किया जाएगा।

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