ज्यादातर ट्रेनों में मुसाफिरों के लिए खाली सीट मिलना तो दूर, आरएसी में भी जगह नहीं है। इन गाड़ियों में वेटिंग 50 से ऊपर चल रही है। ऐसे में ट्रेन से उत्तराखंड से यूपी, बिहार, दिल्ली सहित अन्य राज्यों में जाने वाले यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जबकि, हल्द्वानी से दिल्ली- देहरादून से आने वाली सारी ट्रेन पैक होकर चल रहीं हैं। ट्रेनों में17 मार्च तक वेटिंग चल रही है।

उत्तराखंड के कई जिलों में पूर्वांचल के बड़ी संख्या में लोग नौकरी या व्यवसाय कर रहे हैं। त्योहार के मौके पर ये परिवार अक्सर अपने घर जाने का प्लान बनाते हैं। इनका आने-जाने का सफर ट्रेनों पर ही निर्भर करता है।

इससे इन दिनों ट्रेनों में काफी भीड़ रहती है। इस भीड़भाड़ को देखते हुए रेलवे ने हर साल की तरह इस बार भी हल्द्वानी, हरिद्वार, रुड़की, लक्सर होकर कई फेस्टिवल स्पेशल ट्रेनें चलाई हैं, लेकिन यात्रियों की परेशानी इससे भी कम नहीं हुई है।

बिहार के जिला गोपालगंज निवासी सुमित कुमार, जितेंद्र प्रसाद ने बताया कि एक-दो स्पेशल ट्रेन ऐसी हैं, जिनमें आरक्षित श्रेणी के कोच नहीं हैं। बाकी ट्रेनों में स्लीपर, थर्ड एसी व सेकेंड एसी के कोच हैं, लेकिन दिक्कत यह है कि इन ट्रेनों के ऑनलाइन होने के 24 घंटे के भीतर ही सारी सीटें बुक हो चुकी हैं।

मुसाफिर मुकुल सिंह, निशा सिंह ने बताया कि स्पेशल कई ट्रेनों के स्लीपर कोच में रिजर्वेशन के बाद आरएसी व वेटिंग भी नहीं है। रेलवे की अधिकृत वेबसाइट आईआरसीटीसी खोलने पर इनके सामने रिग्रेट लिखा हुआ आ रहा है, जिसका मतलब इनमें सीट मिलने की जीरो संभावना होता है।

थर्ड एसी की भी यही स्थिति है। सेंकेंड व फर्स्ट एसी में आरसएसी मिल रहा है, लेकिन इसका किराया सामान्य से कई गुना ज्यादा है। लिहाजा आम परिवार इसे अफोर्ड नहीं कर सकता है। यात्री अनुपम शाह, दीपाली शाह ने सीट नहीं मिलने से प्लान ही बदलना पड़ रहा है।

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