सीएम योगी ने सफाई कर्मचारियों, स्वास्थ्य कर्मचारियों, रोडवेज बस चालकों के बाद पुलिसकर्मियों के लिए सौगातों का ऐलान किया है। महाकुंभ में तैनात पुलिस वालों को एक हफ्ते की छुट्टी, सेवा मेडल और प्रशस्ति पत्र दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ में अपनी सेवाएं देने वाले पुलिसकर्मियों के लिए भी सौगातों का ऐलान किया है। महाकुंभ में तैनात सभी पुलिसकर्मियों को एक-एक हफ्ते की छुट्टी मिलेगी। सभी सुरक्षाा बलों के जवानों को महाकुंभ सेवा मेडल और प्रशस्तिपत्र दिया जाएगा। इसके अलावा यूपी पुलिस के अराजपत्रित पुलिसकर्मियों को दस हजार रुपए का स्पेशल बोनस दिया जाएगा। सीएम योगी ने गुरुवार को महाकुंभ का औपचारिक समापन किया। इस दौरान अलग-अलग पंडालों में जाकर महाकुंभ में अपनी सेवाएं दे रहे अलग-अलग समूहों और विभागों के कर्मचारियों से मुलाकात की। पुलिसकर्मियों के लिए सौगात से पहले सीएम योगी ने सफाई कर्मचारियों, रोडवेज कर्मचारियों और नाविकों से संवाद किया और उनके लिए कई घोषणाएं कीं।
सीएम योगी ने कहा कि महाकुंभ में 75 हजार पुलिसकर्मियों, पीएसी, अर्धसैनिक बलों, पीआरडी जवानों, होमगार्डों ने ड्यूटी दी है। इन सभी को महाकुंभ सेवा मेडल और प्रशस्ति पत्र दिए जाएंगे। अराजपत्रित पुलिसकर्मियों को दस-दस हजार का बोनस दिया जाएगा। सभी को एक-एक हफ्ते की छुट्टी भी दी जाएगी। सीएम योगी ने यह भी कहा कि यह छुट्टी एक साथ नहीं मिल सकेगी। फेज वाइस छुट्टी मिलेगी। सीएम योगी ने यह भी कहा कि महाकुंभ भले ही खत्म हो गया है लेकिन यहां पर पुलिस की ड्यूटी अभी कुछ दिन और जारी रहेगी।
इससे पहले सीएम योगी ने सफाई कर्मचारियों, स्वास्थ्यकर्मियों, रोडवेज के बस चालकों के लिए भी बोनस का ऐलान किया। नाविकों के लिए भी कई घोषणाएं की गईं। सीएम योगी ने कहा कि नाव चालकों को सरकार विशेष सुविधाएं देगी, जिसके तहत पहले नाविकों का रज्ट्रिरेशन किया जाएगा। इसके बाद नाव के लिए पैसा और पांच लाख रुपए तक बीमा कवर की भी सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। मुख्यमंत्री ने महाकुम्भ के भव्य, दिव्य और सफल आयोजन में नाविकों के योगदान की सराहना की और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस महाकुम्भ में करोड़ों श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान किया। जिसमें नाविकों ने अपनी ऐतिहासिक भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि इन 45 दिनों में प्रत्येक नाविक ने अपनी मेहनत से लाखों रुपये कमाए होंगे। इतना बड़ा व्यवसाय पहले कभी देखने को नहीं मिला। यह सिर्फ व्यवसाय नहीं, बल्कि पूर्वजों की परंपरा का पालन भी है।
