अगले साल से वर्ष में दो बार परीक्षा कराई जा सके, इसके लिए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) कक्षा 10वीं के एग्जाम की अवधि को महीने भर से घटाकर दो सप्ताह से भी कम करने पर विचार कर रहा है। वर्तमान में 10वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा की डेटशीट इस तरह से तैयार की जाती है कि छात्र द्वारा चुने गए दो विषयों के पेपर एक ही तिथि पर न पड़ें। इससे परीक्षा कार्यक्रम एक महीने तक खिंच जाता है। कभी-कभी दो पेपरों के बीच तीन से लेकर 10 दिनों का गैप होता है। जैसा कि इस बार भी देखा जा सकता है कि सीबीएसई 10वीं बोर्ड परीक्षाएं 15 फरवरी से शुरू हुईं और 18 मार्च तक चलेंगी।

इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित खबर में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि अगर साल में दो बार एग्जाम कराने का सिस्टम शुरू किया जाता है तो सीबीएसई बोर्ड को पेपरों के बीच के गैप को काफी कम करना पड़ सकता है, शायद एक दिन भी, ताकि दोनों परीक्षाएं आयोजित की जा सकें और जून तक सभी परिणाम घोषित किए जा सकें। इसका मतलब यह हो सकता है कि परीक्षाएं एक सप्ताह या 10 दिन की अवधि में ही खत्म हो जाएंगी। हाल ही में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की अध्यक्षता में सीबीएसई, केंद्रीय विद्यालय संगठन (केवीएस) और एनसीईआरटी के अधिकारियों के साथ साल में दो बार बोर्ड परीक्षा आयोजित करने के मुद्दे पर एक बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा की गई।

शिक्षा मंत्रालय ने बोर्ड से कहा है कि वह वर्ष में दो बार एग्जाम कराने की योजना का एक मसौदा फीडबैक के लिए सार्वजनिक करे। पता चला है कि परीक्षा का फाइनल शेड्यूल तैयार करने से पहले सुझावों पर विचार किया जाएगा। रिपोर्ट के मुताबिक केंद्र सरकार पहले सीबीएसई स्कूलों की केवल 10वीं कक्षा के छात्रों के लिए दो बोर्ड परीक्षाएं शुरू करना चाहती है। एक सरकारी अधिकारी ने कहा, ‘कक्षा 12वीं के छात्रों के लिए इसे कब शुरू किया जाए, इस पर निर्णय केवल कक्षा 10वीं के छात्रों के लिए दो बार परीक्षाएं आयोजित करने के अनुभव के आधार पर लिया जाएगा।’

 

सीबीएसई बोर्ड परीक्षाएं आमतौर पर फरवरी में शुरू होती हैं। दो बार परीक्षा प्रणाली में भी संभवत: यही टाइमफ्रेम जारी रहेगा। सूत्रों ने बताया कि कुछ क्षेत्रों में कड़ी सर्दियों के चलते पहले परीक्षा आयोजित करना चुनौतीपूर्ण होगा और संभावित रूप से पढ़ाने के समय को कम करेगा।

साल में दो बार बोर्ड परीक्षा कराने के लिए सीबीएसई जिन शेड्यूल के ऑप्शन पर विचार कर रहा है, उनमें से एक यह हैं –

– मार्च तक पहली परीक्षा का परिणाम घोषित कर दिया जाए। वर्तमान में मई में रिजल्ट जारी किया जाता है। यानी दो माह पहले पहली बोर्ड परीक्षा के नतीजे जारी कर दिए जाएं।

– दूसरी परीक्षा संभवतः मई की शुरुआत में आयोजित की जाए और परिणाम जून में घोषित हों।

इससे पहले जनवरी माह में धर्मेंद्र प्रधान ने कहा था कि साल में दो बार बोर्ड परीक्षाएं कराने का फैसला अगले शैक्षणिक वर्ष 2026-27 से लागू किया जाएगा। प्रधान ने यह भी कहा था कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) की सिफारिशों के आधार पर कक्षा 11वीं और कक्षा 12वीं में सेमेस्टर सिस्टम लागू करने की तैयारी चल रही है।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करने के लिए लाए गए एनसीएफ में सिफारिश की गई थी कि छात्रों को एकेडमिक वर्ष में दो बार बोर्ड परीक्षा देने की अनुमति दी जानी चाहिए, जिसमें केवल बेस्ट अंक ही रखे जाएंगे।

योजना को लागू करने से पहले देश का सबसे बड़ा राष्ट्रीय बोर्ड सीबीएसई दोनों परीक्षाओं को कराने, प्रश्नपत्रों के मूल्यांकन को पूरा करने और अगले शैक्षणिक सत्र शुरू होने से पहले परिणाम घोषित करने की चुनौती के निपटने की कोशिश कर रहा है।

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