आगामी वित्त वर्ष 2025-26 के लिए पेश बजट में लोगों को टैक्स देनदारी के विवाद से बचने का मौका दिया गया है। गत एक फरवरी की बजट घोषणा के मुताबिक अब कोई भी व्यक्ति चार साल तक का अपडेटेड रिटर्न भर सकेगा।

हालांकि, ये भी ध्यान देना होगा कि टैक्स बकाए को लेकर इनकम टैक्स विभाग की तरफ से तलाशी हो चुकी है या देनदारी संबंधी केस खुल गया है तो फिर अपडेटेड रिटर्न नहीं भर सकेंगे। अभी दो साल के अपडेटेड रिटर्न भरने की सुविधा है।

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90 हजार लोगों ने भरा अपना अपडेटेड रिटर्न

बता दें कि इस सुविधा के तहत 90 हजार से अधिक लोग अपना अपडेटेड रिटर्न भर चुके हैं और इससे सरकार को टैक्स के रूप में बड़ी धनराशि भी प्राप्त हुई है। इस सफलता को देखते हुए ही अपडेटेड रिटर्न की अवधि को बढ़ाकर चार साल किया गया है।

टैक्स एक्सपर्ट और चार्टर्ड एकाउंटेंट असीम चावला कहते हैं कि अपडेटेड रिटर्न और रिवाइज्ड रिटर्न में फर्क है। रिवाइज्ड रिटर्न में कोई टैक्सपेयर्स सरकार को अपनी छूट गई जानकारी दे सकता है और अगर उसने ज्यादा टैक्स दे दिया है तो उसे वापस भी मांग सकता है। हालांकि, अपडेटेड रिटर्न तभी भर सकते हैं जब किसी व्यक्ति को लगता है कि उसे टैक्स देना चाहिए था, लेकिन उसने नहीं दिया। 

अपडेटेड रिटर्न किसी जानकारी को देने या टैक्स को कम कराने के लिए नहीं भरा जा सकता है। अपडेटेड रिटर्न भरने वाले को बकाए टैक्स पर अतिरिक्त टैक्स एवं ब्याज देना पड़ता है। अपडेटेड रिटर्न भरने में जितनी देर होगी, टैक्स पर उतनी ही अतिरिक्त राशि जुटती जाएगी। 

चौथे साल में ब्याज और टैक्स मिलाकर बकाए से 70 प्रतिशत तक अधिक राशि देनी पड़ सकती है। लेकिन अपडेटेड रिटर्न भरने के बाद विभाग फिर कोई सवाल नहीं करेगा और टैक्सपेयर्स चैन की नींद हो सकता है। 

अपडेटेड रिटर्न स्कीम को दिया जा रहा बढ़ावा

टैक्स एक्सपर्ट का का कहना है कि इनकम टैक्स विभाग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की मदद से संदेहास्पद सैकड़ों लोगों पर नजर रख रहा है। अपडेटेड रिटर्न स्कीम से बिना सर्च और किसी मुकदमे के सरकार को धनराशि मिल रही है। इसलिए इसे बढ़ावा दिया जा रहा है।

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