प्रयागराज में आयोजित किए जा रहे महाकुंभ में अब तक 10 करोड़ से अधिक श्रद्धालु गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती नदी के त्रिवेणी संगम में डुबकी लगा चुके हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। एक बयान के अनुसार 10 करोड़ श्रद्धालुओं के डुबकी लगाने का यह आंकड़ा गुरुवार की दोपहर 12 बजे पार हो गया।सरकार ने इस बात पर प्रकाश डाला कि श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है, प्रतिदिन संगम में डुबकी लगाने और आध्यात्मिक पुण्य के लिए लाखों लोग पहुंच रहे हैं। स्नान के लिए रेला लगा हुआ है। स्नान पर्वों के दौरान यह संख्या करोड़ों में पहुंच जाती है।

उत्तर प्रदेश सरकार का अनुमान है कि इस बार महाकुम्भ में 45 करोड़ से अधिक लोग डुबकी लगाएंगे। महाकुम्भ की शुरुआत में ही 10 करोड़ का आंकड़ा पार कर जाना सरकार के सटीक अनुमान की ओर संकेत दे रहा है। बयान में कहा गया, ”अकेले बृहस्पतिवार को ही दोपहर 12 बजे तक 30 लाख लोगों ने त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाई जिसमें 10 लाख कल्पवासी और विदेश से आए श्रद्धालु तथा साधु-संत शामिल हैं।”

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इसमें कहा गया कि 23 जनवरी तक संगम में स्नान करने वाले कुल श्रद्धालुओं की संख्या 10 करोड़ के आंकड़े को पार कर गई है। सबसे अधिक करीब 3.5 करोड़ श्रद्धालुओं ने मकर संक्रांति के दौरान डुबकी लगाई, जबकि पौष पूर्णिमा के दौरान 1.7 करोड़ से अधिक लोगों ने स्नान किया।

दक्षिण अफ्रीका से हजारों श्रद्धालुओं के महाकुंभ में शामिल होने की उम्मीद

जोहानिस्बर्ग। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में जारी महाकुम्भ में दक्षिण अफ्रीका से हजारों श्रद्धालुओं के जाने की उम्मीद है। जोहानिस्बर्ग में भारत के महावाणिज्यदूत महेश कुमार ने बुधवार शाम कहा, ”13 जनवरी को महाकुम्भ की शुरुआत के बाद से कुछ ही दिनों में उन लोगों के लिए सौ से ज्यादा वीजा जारी किए जा चुके हैं जो इसमें शामिल होने के इच्छुक हैं और कई लोगों ने इसमें शामिल होने के लिए अपने प्रवासी भारतीय नागरिकता (ओसीआई) कार्ड का इस्तेमाल किया है।”

कुमार ‘महाकुंभ 2025- वेयर स्पिरिचुएलिटी मीट्स टेक्निकल इनोवेशन’ नामक संगोष्ठी की मेजबानी कर रहे थे, जिसमें विभिन्न वक्ताओं ने इस आयोजन के इतिहास और आध्यात्मिक लाभों पर प्रकाश डाला। कुमार ने कहा, ”ट्रैवल एजेंट विशेष पैकेज भी तैयार कर रहे हैं, जिससे महाकुम्भ में लोगों की संख्या में और इजाफा होने की उम्मीद है।”

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उन्होंने कहा, ”महाकुम्भ में शामिल होने के इच्छुक लोगों के मन में बहुत सारे प्रश्न हैं और इसी को देखते हुए यह संगोष्ठी आयोजित की गई है।” दक्षिण अफ्रीका में पर्यावरण कार्यकार्ता एवं ‘सेव सॉइल मूवमेंट’ के नेता त्सेके नकादिमेंग महाकुम्भ में जाएंगे।

उन्होंने कहा, ”इस तरह का अगला महाकुम्भ साल 2169 में होगा। यह जानने के लिए कि यह वास्तव में है क्या, आपको वहां जाना ही चाहिए..।” दक्षिण अफ्रीका के रामकृष्ण केंद्र के स्वामी विप्रानंद महाराज ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका में किसी भी ऐसे व्यक्ति के लिए कुम्भ की कल्पना करना मुश्किल है जिसने इस तरह के आयोजन का अनुभव नहीं किया है।

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