दहेज लेना और देना दोनों ही आपराध हैं, लेकिन इसके बाद भी शादी में ये प्रचलन जोरों पर है। दहेज के लालच में कई बार बसा बसाया परिवार ही उजड़ जाता है। दहेज को लेकर कई बार तो रिश्ता होने से पहले ही टूट जाता है तो कुछ दहेज के चक्कर में ठगी का शिकार हो जाते हैं। यूपी के कानपुर जिले में भी कुछ इसी तरह का मामला सामने आया है। यहां सर्व समाज फाउंडेशन संस्था के सदस्यों ने 270 लोगों से करोड़ों की ठगी की। हालांकि अभी तक धोखाधड़ी के शिकार 35 लोग ही सामने आए हैं। इस संस्थान में पिता-पुत्र लोगों को लोगों को झांसा देकर शादी के लिए फंसाते थे। लोगों को दहेज का लालच भी देते थे।

दोनों कहते थे कि 11 हजार की रसीद कटेगी, जिसमें सामूहिक विवाह कार्यक्रम में शादी कराई जाएगी। 21 हजार रुपये की रसीद कटवाने पर बाइक, 51 हजार रूपये में कार और प्लॉट दिया जाएगा। इच्छुक व्यक्ति रसीद कटवाने के बाद अब बताई गई जगह पर पहुंचता तो उसे असलियत पता चलती। इसके बाद वर पक्ष को सिवाए रोने के अलावा कुछ नहीं दिखता। वहां न तो कोई मंडप होता था और न ही शहनाई वाले। गुरुवार की देर रात गोविंदनगर थाने में ठगी की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज किया गया है। पुलिस ने आरोपियों की तलाश कर रही है।

फतेहपुर के ललौली थानाक्षेत्र के मड़फा गांव निवासी ओम प्रकाश ने बताया कि उनकी बहन की सहेली रोशनी ने उनकी मुलाकात गुजैनी जी ब्लॉक निवासी धर्मेंद्र और उनके बेटे अमन से कराई थी। धर्मेंद्र ने कहा कि 26 दिसंबर को मोतीझील में सगाई और सामूहिक गोदभराई है। इसमें बेटे उमाकांत की शादी कराने का रजिस्ट्रेशन करा लो। रजिस्ट्रेशन के लिए 11 हजार, 21 हजार और 51 हजार की रसीद काटी जा रही थी। रसीद कटवाने वालों को दहेज के उपहार में बाइक, प्लॉट और कार का लालच भी दिया गया। इससे लोग और झांसे में आ गए और दोपहर तीन बजे समारोह में शामिल होने मोतीझील पहुंचने को कहा गया। वहां पहुंचे तो न तो कोई टेंट शामियाना दिखा और न संस्था के लोग। खुद को ठगा महसूस करने के लिए दूल्हा और उसके परिवार लोग रोने लगे। इसके बाद रोशनी से संपर्क किया तो उसने खुद के साथ भी ठगी की बात कहते हुए रतन लाल नगर चौकी बुलाया।

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