यह है पूरा मामला
उधर, मेले में गुम फूला को रोते देख एक व्यक्ति ने शरण दी। कुछ दिन बाद रुपये की लालच में उसने रामपुर जिले के भोंट थाना क्षेत्र के रायपुर गांव निवासी लालता प्रसाद गंगवार के हाथों उसे बेच दिया। इस दौरान लालता ने उससे शादी कर ली। लालता से एक पुत्र सोमपाल भी हैं।
इस दौरान रामपुर के प्राथमिक विद्यालय पजावा बिलासपुर में वह बतौर रसोइयां काम करने लगीं। एक दिन बात ही बात में उन्होंने अपनी कहानी वहां की प्रधानाध्यापक डाॅ. पूजा से शेयर कीं तो वह भी भावुक हो गईं।
डाॅ. पूजा ने किसी तरह से एएसपी सिटी शैलेंद्र लाल आजमगढ़ से संपर्क साधा और पूरा वाकया बताया। जिले की पुलिस ऑपरेशन मुस्कान के तहत इस काम में लगी।
चूंकि, फूला का ननिहाल अब मऊ जिले में है, इसलिए एएसपी सिटी को इस नाम का गांव जिले में मिला नहीं। उन्हें ख्याल आया कि तब आजमगढ़ का दायरा बड़ा था, लिहाजा मऊ में पता लगवाया तो गांव और उनके मामा के नाम का पता लग गया। वहां से फिर उनके गांव का भी पता चला। इसके बाद फूला के आने की व्यवस्था कराई गई।
पूजा और पुलिस के नेक कार्य की खूब सराहना
जिले की पुलिस खुद रामपुर जाकर फूला देवी को ट्रेन से आजमगढ़ ले आई। सोमवार की रात में उनके लिए होटल में कमरे की व्यवस्था कराई गई। मंगलवार को भाई लालधर सहित अन्य रिश्तेदारों को बुलाकर पुष्टि कर परिजनों से मिलाया तो यह क्षण देखने लायक था। डाॅ. पूजा और पुलिस के इस नेक कार्य से न सिर्फ लोगों चेहरे पर खुशियां बिखर पड़ीं बल्कि लोग उनकी नेक कार्य की सराहना करते नहीं थक रहे थे।
