सड़क हादसों को रोकने, यातायात नियमों के प्रति जागरूक करने के लिए हर साल पुलिस की ओर से यातायात माह का आयोजन किया जाता है। परिवहन विभाग सड़क सुरक्षा सप्ताह मनाता है। इनमें सड़क हादसों को रोकने के लिए आवश्यक जागरूकता कार्यक्रमों के साथ चेकिंग भी की जाती है।
सड़क सुरक्षा अभियान सिर्फ कागजों तक ही सीमित
जिले में यह अभियान मात्र कागजों में सिमटकर या फिर खानापूर्ति तक रह जाते हैं। मथुरा-बरेली मार्ग पर दिन ही नहीं, रात में भी सबसे अधिक टैंकर व बड़े वाहन दौड़ते हैं। इनमें सबसे अधिक डग्गेमार वाहन शामिल होते हैं। यही वाहन दुर्घटनाओं का सर्वाधिक कारण बनते हैं। हादसों को रोकने के लिए कोई प्रभावी कदम संबंधित विभागों द्वारा नहीं उठाया जाता है। यह हम नहीं कह रहे, जिले में एक के बाद एक हो रहे सड़क हादसों को देखकर लोगों की जुबान पर यह सवाल है।
हादसे में सात लोगों की चली गई थी जान
मंगलवार को सिकंदराराऊ रोड पर जैतपुर के निकट हुए हादसे से जिले के लोग एक बार फिर सहम गए। चंदपा के गांव कुम्हरई के 11 लोग कोतवाली सदर के पास तालाब चौराहे से जर्जर मैजिक में बैठे। चालक ने 10 और सवारियों को बैठाया। यह डग्गेमार वाहन तालाब चौराहा, सासनी गेट, बिजली काटन मिल चौराहे पर यातायात पुलिस के सामने से गुजरा।सके बाद पुलिस अधीक्षक व सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी कार्यालय से निकला। इसके बाद हाथरस जंक्शन थाने के सामने से भी गुजरा। इसे कहीं किसी ने नहीं रोका। यह इस बात का संकेत है कि यहां डग्गेमार वाहन पुलिस और परिवहन विभाग की सहमति से चलाए जा रहे हैं।
थानों के सामने से सरेआम डग्गेमारी
जिले में डग्गेमारी जमकर हो रही है। डग्गेमार वाहन शहर में कोतवाली सदर के सामने ओवरब्रिज, तालाब चौराहा से सवारी भरते हैं। यहां से आगरा, मथुरा, सिकंदराराऊ के लिए टेम्पो, मैजिक सहित अन्य वाहन खुलेआम डग्गेमारी कर रहे हैं।