यूपी में नौ सीटों पर उपचुनाव के बाद अब बारी अयोध्या की मिल्कीपुर की है। हाईकोर्ट की मंजूरी के बाद मिल्कीपुर में उपचुनाव का रास्ता साफ हो चुका है। चुनाव आयोग कभी भी इस सीट पर उपचुनाव का ऐलान कर सकता है। माना जा रहा है कि एक बार फिर भाजपा और सपा के बीच ही यहां भी सीधी टक्कर होगी। सभी नौ सीटों पर बसपा ने भी प्रत्याशी उतारे थे लेकिन अब उपचुनाव नहीं लड़ने का ऐलान मायावती ने कर दिया है। ऐसे में दलित बहुल मिल्कीपुर में समीकरण बदले बदले से दिखाई दे रहे हैं। माना जा रहा है कि इसी महीने जिन नौ सीटों पर उपचुनाव हुआ है वहां बसपा के कारण सपा को चोट पहुंची हैं।

मिल्कीपुर के जातीय समीकरणों पर निगाह डालें तो यहां दलित वोट अहम भूमिका निभाते हैं। इस सीट पर 3.5 लाख मतदाताओं में से 1.2 लाख दलित, करीब 55,000 यादव और 30,000 मुस्लिम हैं। यही कारण है कि भगवा लहर में भी सपा जीतती रही है। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना ​​है कि जो भी दलितों के साथ-साथ 60,000 ब्राह्मणों, 25,000 क्षत्रियों और अन्य पिछड़े वर्गों का समर्थन हासिल करेगा, वही विजयी होगा। देखना यह है कि क्या सपा का पीडीए फॉर्मूला इस सीट पर उसी तरह काम करेगा जैसा इसी साल हुए लोकसभा चुनाव में किया था या फिर भाजपा जातिगत विभाजन को अपने पक्ष में करने में कामयाब हो पाती है।

साल 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा के अवधेश प्रसाद ने भाजपा के बाबा गोरखनाथ को हराकर यह सीट जीती थी। प्रसाद को जहां 49.99 प्रतिशत वोट (1,03,905) मिले थे, वहीं गोरखनाथ को 41.83 प्रतिशत (90,567) वोट मिले थे। सपा ने अयोध्या से मौजूदा सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को टिकट दिया है, वहीं भाजपा ने अभी तक अपना उम्मीदवार तय नहीं किया है। कांग्रेस का समर्थन सपा को जारी रहने की ही उम्मीद है।

निर्वाचन आयोग ने अभी मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव का कार्यक्रम घोषित नहीं किया है। उत्तर प्रदेश की नौ विधानसभा सीट के हाल ही में संपन्न उपचुनाव में नौ में से सात सीटें जीतकर उत्साहित भाजपा के लिए मिल्कीपुर सीट प्रतिष्ठा का सवाल है और वह उसे जीतने की भरसक कोशिश करेगी।

मिल्कीपुर सीट का उपचुनाव भी पूर्व में हुए नौ विधानसभा सीट के उपचुनाव के साथ ही होना था लेकिन साल 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में इस सीट के लिए हुए निर्वाचन को लेकर अदालत में याचिकाएं दायर होने की वजह से यहां उपचुनाव नहीं हो सका था। मगर हाल ही में यह बाधा समाप्त होने के बाद मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव का रास्ता साफ हो गया है।

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 2022 के विधानसभा चुनाव में मिल्कीपुर निर्वाचन क्षेत्र से सपा नेता प्रसाद के निर्वाचन को चुनौती देने वाली दो याचिकाओं को वापस लेने की अनुमति दे दी, जिससे सीट पर उपचुनाव कराने का रास्ता साफ हो गया।

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