यूपी के संभल जिले में जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर हिंसक बवाल के बाद सख्ती बढ़ा दी गई है। 24 घंटे के लिए इंटरनेट सेवा पर रोक है। स्कूल-कॉलेज भी बंद कर दिया गया है। अब तक चार लोगों की मौत हो चुकी है। पुलिस ने 21 लोगों को हिरासत में लिया है। भारी संख्या में पुलिस फोर्स की तैनाती की गई है। खुफिया विभाग की टीम को इनपुट जुटाने के लिए एक्टिव किया गया है। पुलिस मुखबिरों के सहारे तमाम सूचना ले रही है। जामा मस्जिद की जमीन पर पहले हरिहर मंदिर होने का दावा करते हुए एक याचिका लगाई गई थी। जिला कोर्ट के आदेश पर रविवार को आनन-फानन में मस्जिद के सर्वे के दौरान हिंसा भड़क गई थी।
संभल में जामा मस्जिद के अध्यक्ष जफर अली को भी पुलिस ने सोमवार की दोपहर उठा लिया। इसके बाद यहां फिर से तनाव बढ़ गया है। बताया जाता है कि जफऱ अली से थाने में पूछताछ हो रही है।
दंगाइयों पर रासुका लगाकर की जाए नुकसान की भरपाई: विहिप
विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने उत्तर प्रदेश के संभल में मुस्लिम कट्टरपंथियों द्वारा पुलिस पर पत्थराव, गोलीबारी और आगजनी किये जाने की कड़ी निंदा की है और मांग की कि दंगाइयों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) लगा कर नुकसान की भरपाई की जाए। विहिप के संयुक्त महामंत्री डॉ सुरेंद्र जैन ने संभल की घटनाओं को ‘घोर निंदनीय’ बताया और कहा कि मुस्लिम नेताओं, मौलाना तथा राहुल गांधी समेत अनेक समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के नेताओं ने जिस प्रकार इस हिंसा का समर्थन किया है, वह भी चिंताजनक है। ऐसा लगता है यह हिंसा इन नेताओं के भड़काऊ बयान बाज़ियों और मौलानाओं के इशारे पर ही भड़काई गई है।
समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने संभल हिंसा और उसके बाद पुलिस कार्रवाई पर कहा कि यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। हमारे सांसद जियाउर्रहमान बर्क संभल में नहीं थे, इसके बावजूद उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। क्या किसी ने कभी ऐसा उदाहरण देखा है? एक पुलिस अधिकारी लोगों से राजनेताओं का समर्थन न लेने के लिए कह रहा था, वह किसकी बात कर रहा था? वह किसकी भाषा थी? वहीं इससे पहले सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने हा कि अल्लाह की अदालत से कोई नहीं बच पाएगा। मैं कल रात ही बंगलौर में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड कि मीटिंग में आया था। जैसे ही हालात की खबर मिली वापिस आरहा हूं। पुलिस ने जो बर्बरता की है उसके खिलाफ आवाज़ उठाऊंगा। और जल्द ही अपने लोगों के बीच में आऊंगा।
