क्षेत्र के कई गांवों में युवा गांजा की लत का शिकार हो रहे हैं। कारोबार बढ़ रहा है और पुलिस कार्रवाई नहीं कर पा रही है। हाल यह है कि 16 से 28 साल के युवा सबसे ज्यादा इसके नशे में आ रहे हैं। बताया जाता है कि थाना से तकरीबन 500 मीटर की दूरी से ही गाजा का कारोबार जारी है। 

नशाखोरी की समस्या बढ़ गई है और कारोबारी अपने कमाई के चक्कर में युवा वर्ग को बर्बाद कर रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि सुबह 6:00 बजे से इस दुकान से बिक्री का काम चालू हो जाता है। पुड़िया के हिसाब से कारोबार होता है। एक पैकेट की पुड़िया 100 से 200 रुपये में बेची जाती है। 

पुलिस चाहे तो गाजा पीने वाले लोगों पर कार्रवाई कर कर युवा पीढ़ी को नशा से बचा सकती है। गाजा के कई वैरायटी यहां बेचे जाते हैं। इसमसें सुल्पा बालूचर जिसकी कीमत 100 रुपये है। ग्रामवासी परेशान हैं। कस्बावासियो ने बताया कि अगर जल्द ही समस्या का समाधान नही हुआ तो हम लोग धरना प्रदर्शन करेंगे।

दीपक की लौ से लगी आग, नकदी कपड़े जलकर राख 

बिल्सी : बैरमयी बुजुर्ग गांव में शुक्रवार की रात दीपावली की खुशी एक परिवार के लिए गम बन गया। जलते दीपक से अचानक आग लगी और घर में रखे कपड़े और नकदी जल गई। आग ने विकराल रूप धारण किए जिसे बुझाने में सबको मशक्कत करनी पड़ी। 

बैरमयी बुर्जुग गांव के निवासी वीरेश सक्सेना के मकान में बैठक में बक्सा रखा था। जिसमें गृहस्थी का सामान के साथ नकदी भी रखी हुई थी। वह दीपावली पर रुद्रपुर से मेहनत मजदूरी करके नकदी इकट्ठा करके लाया था। शुक्रवार को दिन में करीब 9 बजे परिवार के बच्चे दीपक जला रहे थे। 

अचानक एक चिंगारी उड़कर कपड़ो पर जा गिरी, जिससे थोड़ी ही देर में बक्सा में आग लग गई। आग पूरे कमरे में फैल गयी। आग की ऊंची लपटें देख गांव के लोग घबराकर इकट्ठा हो गए। जैसे ही आग की लपटें उठनी शुरू हुईं, आसपास के लोग दौड़ पड़े। पड़ोसियों ने मिलकर सब मर्सिबल और बाल्टियों से पानी डालकर आग पर काबू पाने की कोशिश की। काफी मशक्कत के बाद आग को काबू में लिया जा सका। आग की चपेट में आने से चारपाई, कपड़े, अनाज ,नकदी और अन्य घरेलू सामान जलकर खाक हो गया। परिवार को लगभग एक लाख रुपये का नुकसान हुआ है।

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