उत्तर प्रदेश में 9 विधानसभा सीटों के लिए होने वाले उपचुनाव में सपा और बीजेपी के बीच जोरदार सियासी जंग होने जा रही है। इस उपचुनाव में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और सपा मुखिया अखिलेश यादव आमने-सामने हैं। उपचुनाव में सपा सभी 9 सीटों पर चुनाव लड़ रही है जबकि बीजेपी 8 सीटों पर और उसकी सहयोगी पार्टी आरएलडी एक सीट पर चुनाव मैदान में है। कांग्रेस सपा के समर्थन में है जबकि बसपा ने सभी सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं।

इन सभी नौ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए 13 नवंबर को वोटिंग होगी और मतों की गिनती का काम 23 नवंबर को होगा।

लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन ने दी थी शिकस्त

उत्तर प्रदेश के इस उपचुनाव की इसलिए भी बहुत अहमियत है क्योंकि लोकसभा चुनाव के नतीजों में सपा की अगुवाई वाले इंडिया गठबंधन ने बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन को बड़ी शिकस्त दी थी।

राजनीतिक दल 2024 में मिली सीटें 2019 में मिली सीटें
बीजेपी 33 62
सपा 37 5
कांग्रेस 6 1
बीएसपी 0 10
रालोद 2
अपना दल (एस) 1 2
आजाद समाज पार्टी(कांशीराम) 1

यूपी उपचुनाव में बीजेपी सपा को हराकर 2024 के लोकसभा चुनाव में मिली राजनीतिक हार का बदला लेना चाहती है जबकि सपा की कोशिश लोकसभा चुनाव में उसे मिले समर्थन को और मजबूत करने की है।

इन 9 सीटों पर हो रहा है उपचुनाव

विधानसभा सीट का नाम संबंधित लोकसभा
कटेहरी अंबेडकर नगर
मझवां मिर्जापुर
मीरापुर मुजफ्फरनगर
सीसामऊ कानपुर नगर
करहल मैनपुरी
फूलपुर फूलपुर
खैर अलीगढ़
कुंदरकी मुरादाबाद
गाजियाबाद गाजियाबाद

हर सीट पर दो-दो रैली कर चुके हैं योगी

उपचुनाव को लेकर बीजेपी कितनी गंभीर है इसे इस बात से समझा जा सकता है कि बीजेपी ने हर विधानसभा सीट के लिए न सिर्फ राज्य सरकार के मंत्रियों को बल्कि मुख्यमंत्री और दोनों उपमुख्यमंत्रियों को भी प्रभारी बनाया है। उपचुनाव का नोटिफिकेशन जारी होने से पहले ही योगी आदित्यनाथ ने चुनावी रैलियों को संबोधित करना शुरू कर दिया था और कम से कम हर विधानसभा सीट पर वह दो बार रैली कर चुके हैं।

2022 में किसे कितनी सीटें मिली थी

राजनीतिक दल मिली सीटें
बीजेपी 3
सपा 4
निषाद पार्टी 1
आरएलडी 1

आक्रामक चुनाव प्रचार शुरू करेंगे योगी

बीजेपी के सूत्रों ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दीपावली के बाद इन सभी नौ विधानसभा सीटों के लिए आक्रामक चुनाव प्रचार अभियान शुरू करेंगे क्योंकि मतदान की तारीख में ज्यादा दिन नहीं बचे हैं और इस बीच में उन्हें झारखंड और महाराष्ट्र में भी चुनावी कार्यक्रमों के लिए जाना पड़ सकता है।

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