कार्तिक मास की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ का व्रत किया जाता है। इस साल करवा चौथ का व्रत 20 अक्टूबर को किया जाएगा। इस व्रत को हम तीन भागों में बांटते हैं। पहला भाग है सरगी, फिर मुख्य पूजा, कथा और चांद को अर्घ्य । करवा चौथ के व्रत में सुबह सरगी खाई जाती है, जो सास अपने बहु को देती है। सरगी खाकर ही करवा चौथ का व्रत शुरू होता है। कई जगह सरगी खाने की परंपरा नहीं है। इसके बाद महिलाएं 16 श्रृंगार कर तैयार होती हैं। मेहंदी और लाल चूड़िया, नए कपड़े पहनकर महिलाएं तैयार होती हैं। इसके बाद शाम के समय इस व्रत में कथा पढ़ी जाती है। इसके बाद मिट्टी के करवे से चांद को अर्घ्य दिया जाता है। इस बार चंद्रमा रोहिणी नक्षत्र में निकलेगा।

करवा चौथ पूजा की तैयारी
इस व्रत में करवों का बहुत महत्व है। करवों में दीपक रखकर करवे बदलने का विधान है। पूजा में हल्वा, पूरी बनाकर करवा माता को भोग लगाया जाता है। इस दिन गणेश जी की पूजा की जाती है। पूजा की तैयारी के बाद साहूकार की बेटी से जुड़ी कथा और गणेश जी की खीर वाली कथा पढ़ी जाती है।

शाम को चांद को दिया जाता है अर्घ्य
शाम के समय चंद्रमा के उदय होे पर मिट्टी के करवे से चंद्रमा को अर्घ्य देकर छलनी से पहले चांद और फिर पति को देखा जाता है। इसके बाद पानी पीकर व्रत खोला जाता है।

करवा चौथ पूजा मुहूर्त
शाम 05:46 बजे।

करवा चौथ व्रत का समय प्रातः 06:25 बजे. 07:54 शाम तक उपवास की अवधि 13 घंटे 29 मिनट

कृष्ण दशमी चंद्रोदय का समय सायं 07:54 बजे

Karwa Chauth Moon rise Time आपकोशहर में चांद निकलने का समय

पटना रात 07:29

लखनऊ रात 07:42

कानपुर रात 07:47

प्रयागराज रात 07:42

दिल्ली रात 07:53

नोएडा रात 07:52

मुंबई रात 08:36

कोलकाता रात 07:22

0Shares

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *