रिटायरमेंट के बाद लोग अपने तरीके से जीकर जोड़ी हुई कमाई से जिंदगी का आनंद लेना पसंद करते हैं। लेकिन यहां हम एक ऐसे शख्स के बारे में बता रहे हैं जिसने रिटायरमेंट के बाद का आराम छोड़ लीक से हटकर फैसला लेते हुए अपने जुनून और ख्वाब को पूरा करने के लिए फिर से एक नए करियर और पारी की शुरुआत की। ओडिशा के जय किशोर प्रधान की कहानी सिखाती है कि जीवन में सीखने की कोई उम्र नहीं होती। जय किशोर ने उन धारणाओं को भी गलत साबित किया जिसमें उम्र के एक पड़ाव के बाद फिर से पढ़ाई शुरू करना या करियर बदलना असंभव माना जाता है। यह कहानी है कि भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के सेवानिवृत्त कर्मचारी जय किशोर प्रधान की, जिन्होंने वर्ष 2020 में 64 वर्ष की आयु में मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट पास की। वह ओडिशा के बुर्ला में सरकार द्वारा संचालित वीर सुरेंद्र साई इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च (विमसर) में MBBS सीट पाने में सफल रहे।

ओडिशा के रहने वाले जय किशोर प्रधान एसबीआई से डिप्टी मैनेजर के पद से 2016 में सेवानिवृत्त हुए। आराम करने के बजाय प्रधान ने मेडिकल क्षेत्र में करियर बनाने की तमन्ना को पूरा करने का विकल्प चुना।

पारिवार की जिम्मेदारी संभालते हुए उन्होंने नीट की तैयारी शुरू की। इसके लिए उन्होंने नीट की एक ऑनलाइन कोचिंग शुरू की। कड़ी मेहनत के बाद उन्होंने 2020 में नीट की परीक्षा अच्छे मार्क्स के साथ पास की।

प्रधान ने अपनी स्कूलिंग के बाद 1974 में मेडिकल प्रवेश परीक्षा दी थी, लेकिन सफलता नहीं मिली। इसके बाद उन्होंने फिजिक्स में बीएससी किया। फिर स्कूल में टीचर की नौकरी की और इसके बाद इंडियन बैंक की नौकरी की। इंडियन बैंक के बाद एसबीआई में नौकरी मिली।

बता दें कि नीट परीक्षा देने के लिए ऊपरी आयु सीमा नहीं है। 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने 25 साल से ऊपर की उम्र के लोगों को भी नीट में शामिल होने की अनुमति दी थी।

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