महाराष्ट्र में मराठा कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने मंगलवार को अपने समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत आरक्षण देने की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन अनशन शुरू कर दिया है। जरांगे का एक साल से अधिक की अवधि में यह छठा अनशन है। उन्होंने छत्रपति संभाजीनगर से लगभग 75 किलोमीटर दूर जालना जिले के अपने पैतृक स्थान अंतरवाली सराटी गांव में मध्य रात्रि से अनशन शुरू किया। अपने आंदोलन से पहले संवाददाताओं को संबोधित करते हुए जरांगे ने महाराष्ट्र सरकार पर समुदाय को जानबूझकर आरक्षण नहीं देने का आरोप लगाया और कहा कि मराठा अपनी मांगों को पूरा करने के लिए उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को ‘एक और मौका’ दे रहे हैं।

उन्होंने सत्तारूढ़ दलों को चेतावनी भी दी कि यदि समुदाय की मांगें पूरी नहीं की गईं तो उन्हें आगामी विधानसभा चुनावों में इसके परिणाम भुगतने होंगे। जरांगे उस मसौदा अधिसूचना के क्रियान्वयन की मांग कर रहे हैं, जिसमें कुनबी समुदाय को मराठा समुदाय के सदस्यों के ‘सगे सोयरे’ (रक्त संबंधी) के रूप में मान्यता दी गई है और उन्हें अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत आरक्षण दिया गया है।

जरांगे ने कहा कि वह यह भी चाहते हैं कि उनके आंदोलन के दौरान मराठा समुदाय के कई सदस्यों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लिए जाएं। उन्होंने कहा, “मराठा समुदाय मेरे लिए महत्वपूर्ण है, लेकिन सरकार जानबूझकर आरक्षण नहीं दे रही है। इसके अलावा, वे कहते हैं कि हम राजनीतिक भाषा बोल रहे हैं…मैं अब राजनीतिक भाषा नहीं बोलूंगा, लेकिन यह उप मुख्यमंत्री फडणवीस के लिए एक और मौका है।”

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