एक तरफ देशभर में पेपर लीक का मामला छाया हुआ है तो यूपी में योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री ओपी राजभर की पार्टी सुभासपा के विधायक बेदी राम सुर्खियों में हैं। पेपर लीक के कबूलनामे वाला विधायक बेदी राम का वीडियो सामने आने के 24 घंटे बाद ही गुरुवार को ओपी राजभर का भी एक वीडियो वायरल हो गया। इसमें राजभर खुलेआम लोगों से कह रहे हैं बेदी राम नौकरी दिलाने में माहिर हैं। आप लेने के लिए तैयारी करो। फार्म भरने के बाद एडमिट कार्ड या कॉल लेटर आते ही इन्हें कॉल कर दो। यह पूरा जुगाड़ कर देंगे। इनके लाखों चेले अब तक नौकरी हासिल कर चुके हैं। बेदी राम की राजभर के ही मुंह से इतनी तारीफ सुनने के बाद हर कोई जानना चाहता है कि वह कौन हैं। कैसे राजनीति में आए। राजनीति में आने से पहले क्या करते थे।
बेदी राम गाजीपुर की जखनिया सीट से भले ही विधायक हैं लेकिन रहने वाले जौनपुर के हैं। इनकी पत्नी बादामी देवी जौनपुर के जलालपुर की ब्लॉक प्रमुख हैं। जौनपुर में बेदी राम को लोग दबंग विधायक के रूप में भी जानते हैं। बेदी राम पेपर लीक के मामले में कई बार जेल जा चुके हैं। इनके खिलाफ यूपी के विभिन्न जिलों के साथ ही एमपी और राजस्थान तक में पेपर लीक कराने और इससे जुड़े अपराधों में केस दर्ज हैं। यूपी एसटीएफ की टीम ने भी इन्हें दस साल पहले गिरफ्तार किया था। बेदी राम जेल आते-जाते रहे और पेपर लीक में भी शामिल रहे। राजनीति में आने के लिए वाराणसी की पिंडरा सीट से भी निर्दल चुनाव लड़ा लेकिन हार गया। 2022 में ओपी राजभर का दामन पकड़ा और गाजीपुर की जखनिया सीट से विधायक भी बन गए। सबसे कमाल की बात तो यह कि इनके बारे में ओपी राजभर को सबकुछ पहले से पता था। इसका खुलासा राजभर के गुरुवार को वायरल वीडियो से हो रहा है। हालांकि अब इनके बार में पूछने पर राजभर चुप्पी साध ले रहे हैं। कह रहे हैं कि इस बारे में जो पूछना है बेदी राम से ही पूछा जाए।
बताया जाता है कि बेदी राम राजनीति में आने से पहले रेलवे में नौकरी करते थे। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार वह टीटी के पद पर थे। हालांकि सुभासपा के प्रवक्ता रहे और अब नेशनल इक्वल पार्टी के अध्यक्ष बन गए शशि प्रताप सिंह के अनुसार बेदी राम 2006 तक रेलवे में एडीआरएम के बराबर की किसी पोस्ट पर थे। रेलवे में रहते हुए दर्जनों लोगों को रेलवे में नौकरी दिलाई थी। जब मामला खुला तो कई अभ्यर्थियों ने इनका नाम लिया था। इसके बाद जांच में आरोपों की पुष्टि हुई और बेदी राम को रेलवे से बर्खास्त कर दिया गया था। गिरफ्तार कर जेल भी भेजे गए। जेल से भी पेपर लीक का रैकेट चलाते रहे। जमानत पर बाहर आए तो खुलकर खेलने लगे।