Bihar News लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने अपने आखिरी दांव चलना शुरू कर दिया है। इस दांव में लालू यादव की पार्टी आरजेडी बुरी तरह उलझ सकती है। हालांकि तेजस्वी यादव ने इस बार जातिवाद को किनारा कर दिया है। उन्होंने माय-बाप समीकरण पर जोर दिया है। लेकिन भाजपा के ओबीसी कार्ड आरजेडी पर अब भारी पड़ रहा है।
बीजेपी ने लोकसभा चुनाव से पहले आखिरी बड़ा दांव चल दिया है। इस दांव में आरजेडी (RJD) बुरी तरह उलझ सकती है। दरअसल, भाजपा ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं राज्यसभा सदस्य के लक्ष्मण ने कहा है कि ओबीसी मोर्चा आने वाले दिनों में पूरे देश में 10 हजार सामाजिक सम्मेलन करेगा।
इसी के तहत नौ मार्च को पटना के पालीगंज में एक सामाजिक महासम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमे बतौर मुख्य अतिथि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह उपस्थित रहे । के लक्ष्मण ने शुक्रवार को भाजपा प्रदेश मुख्यालय में प्रेसवार्ता कर यह जानकारी दी।
पीएम मोदी के काम पर रहेगा पूरो फोकस
के लक्ष्मण ने कहा कि पिछले दस वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में ओबीसी समाज और अति पिछड़ों को जितना सम्मान दिया गया और उनके कल्याण के लिए कार्य किए गए, उतना काम कभी नहीं हुआ। इन्हीं मुद्दों को लेकर मोर्चा ने देश भर में 10 हजार सामाजिक सम्मेलन आयोजित करने का लक्ष्य तय किया है।
ये है BJP का प्लान B जिसमें उलझ सकती है RJD के लक्ष्मण ने कहा कि प्रत्येक संसदीय क्षेत्र में 20 से 25 तथा प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में तीन से चार समाजिक सम्मेलन करने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने जननायक कर्पूरी ठाकुर एवं चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न दिए जाने की चर्चा करते हुए कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों ने इस पर सोचा तक नहीं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने नीट में ओबीसी के आरक्षण की व्यवस्था की तो कई शिक्षण संस्थानों में भी आरक्षण उपलब्ध कराया। पहली बार केंद्रीय मंत्रिमंडल में 27 ओबीसी समाज से आने वालों को जन प्रतिनिधियों स्थान दिया गया।
परिवारवाद को लेकर लालू पर निशाना साधा
उन्होंने परिवारवाद को लेकर लालू यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि इनकी सोच रही है कि इनके परिवार का कल्याण होगा तो समाज का कल्याण हो जाएगा, जबकि प्रधानमंत्री सबका साथ सबका विकास की बात करते हैं। इस मौके पर मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री निखिल आनंद एवं मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष बलराम मंडल उपस्थित थे।