उत्तर प्रदेश एटीएस ने अपने बयान में कहा है कि प्रयागराज में गिरफ्तार हुए पति-पत्नी ने साल 2017-2018 में बड़े इनामी नक्सली क्वांथन श्रीनिवासन को शरण दी थी।
उत्तर प्रदेश एटीएस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए मंगलवार को प्रयागराज में पति-पत्नी को गिरफ्तार किया। आरोप है कि दोनों नक्सली गतिविधियों में शामिल थे। यूपी एटीएस ने जानकारी दी है कि कृपाशंकर सिंह (49) और उसकी पत्नी बिंदा सोना उर्फ मंजू उर्फ सुमन (41) प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) के सदस्य थे और देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने की योजना में शामिल थे। आइए जानते हैं इस पूरे मामले के बारे में।
इनामी नक्सली को भी दी थी शरण
उत्तर प्रदेश एटीएस ने अपने बयान में कहा है कि प्रयागराज में गिरफ्तार हुए पति-पत्नी ने साल 2017-2018 में बड़े इनामी नक्सली क्वांथन श्रीनिवासन को शरण दी थी। उस वक्त श्रीनिवासन पर करीब पांच लाख रुपये का इनाम था। एटीएस ने बताया है कि दंपति ने श्रीनिवासन को महाराजगंज के करमहिया गांव में आश्रय देते हुए फर्जी नाम के साथ एक स्कूल में काम भी दिलाया था।
प्रयागराज में कैसे पकड़े गए?
उत्तर प्रदेश एटीएस ने बताया है कि जुलाई 2019 में नक्सली गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में कुल सात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इनमें से कुछ लोगों की गिरफ्तारी भी की गई। एटीएस की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, उनके पास से जब्त किए गए इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के फोरेंसिक विश्लेषण से कृपाशंकर सिंह और उसकी पत्नी के बारे में सुराग हाथ लगे।
रायपुर में हुई थी दोस्ती
यूपी एटीएस ने बताया है कि फोरेंसिक विश्लेषण से पता लगा है कि दंपति के प्रतिबंधित संगठन के साथ संबंध सामने आए हैं। एटीएस ने कहा कि कृपाशंकर सिंह रायपुर में एक एनजीओ में काम करने के दौरान बिंदा सोना के संपर्क में आया था। शादी के बाद वे प्रतिबंधित संगठन में शामिल हो गए।