कांग्रेस के दिग्गज नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के भाजपा में शामिल होने का बाजार आज भी गर्म है। माना जा रहा है कि कमलनाथ अपने बेटे और कई समर्थक विधायक और स्थानीय नेताओं के साथ भाजपा ज्वाइन कर सकते हैं।

सन्यास की चल रही खबर

कमलनाथ के करीबी सूत्रों की मानें तो वो राजनीति से सन्यास की घोषणा कर सकते हैं। इसकी एक वजह यह है कि भाजपा में कमलनाथ को शामिल करने पर सहमति नहीं बन रही है। दूसरी, सिख दंगों के कारण भाजपा एक समुदाय को नाराज नहीं करना चाहती है। ऐसे में छिंदवाड़ा सांसद नकुलनाथ को वे भाजपा में भेज सकते हैं।

अटकलों को पटवारी ने बताया गलत

कमलनाथ के भाजपा में जाने की अटकलों पर कुछ हद तक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने भी ब्रेक लगाया। उन्होंने कहा कि मेरी कमलनाथ से बात हुई है। उन्होंने कहा कि जो बातें मीडिया में आ रही हैं, सब भ्रम है। मैं कांग्रेसी था, हूं और रहूंगा।

वहीं, कमलनाथ के करीबी और पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने दिल्ली में कमलनाथ के आवास के बाहर आकर मीडियाकर्मियों से कहा कि वो कांग्रेस छोड़ने को लेकर कुछ नहीं सोच रहे।

इसलिए भाजपा में जाने पर फंसा पेंच

भाजपा में कमलनाथ को लेकर कुछ नेता विरोध कर रहे हैं। जानकारों की मानें तो भाजपा के कुछ नेताओं का कहना है कि 1984 के सिख दंगों के आरोपी कमलनाथ को पार्टी में लेने से सिख समाज में गलत संदेश जाएगा। इसका दिल्ली समेत पंजाब जैसे राज्यों में गलत असर पड़ सकता है।

कांग्रेस को लग सकता है बड़ा झटका

अगर कमलनाथ कांग्रेस नहीं भी छोड़ते हैं तो भी कांग्रेस को बड़ा झटका लग सकता है। दरअसल, अगर नकुलनाथ भाजपा में जाते हैं, तो उनके साथ 10 से ज्यादा विधायक और कुछ महापौर भी पार्टी छोड़ सकते हैं।

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