लोकसभा चुनाव होने में अभी समय है, लेकिन यूपी की राजनीति में उठा-पटक तेज हो गई है। कुछ नेताओं ने दूसरी पार्टियों में अपना भविष्य तलाशा है तो कई नेता अपनी ही पार्टी से नाराज चल रहे हैं। कुछ दिन पहले सपा के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। अब पांच बार से सांसद रहे सलीम शेरवानी ने भी पार्टी से नाराजगी जाहिर करते हुए राष्ट्रीय महासचिव पद को छोड़ दिया है। राज्यसभा में न भेजे से नाराज सलीम शेरवानी ने अपना इस्तीफा सपा प्रमुख अखिलेश को भेज दिया है। अखिलेश को भेजे इस्तीफे में उन्होंने लिखा, हमें नहीं भेजा कोई बात नहीं, आपने पीडी ए को महत्व नहीं दिया। बतादें कि शेरवानी ने इस्तीफा देने से पहले दिल्ली के इस्लामी कल्चर सेंटर में अपने समर्थकों के साथ एक मीटिंग की। मीटिंग में उन्होंने राष्ट्रीय महासचिव पद से इस्तीफा देने का ऐलान किया। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि सलीम शेरवानी राज्यसभा में किसी मुस्लिम को टिकट न देने से नाराज चल रहे थे। इसी के चलते उन्होंने राष्ट्रीय महासचिव का पद छोड़ा है। इसके अलावा पूर्व मंत्री आबिद रजा ने भी राष्ट्रीय महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया है। एक सप्ताह के अंदर कई नेताओं के इस्तीफे से पार्टी में खलबली मची है।

एक साल पहले ही सलीम शेरवानी बनाए गए थे राष्ट्रीय महासचिव

पांच बार के सांसद रहे सलीम इकबाल शेरवानी को पिछले साल जनवरी में सपा का राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया था। विधानसभा चुनाव से पहले ही वे सपा में शामिल हुये थे। 2019 के लोकसभा में वे बदायूं से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े। उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद वे कांग्रेस छोड़कर सपा में शामिल हुये थे। पार्टी ने सपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की घोषणा के बाद पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उन्हें राष्ट्रीय महसचिव नामित किया। जिले में सपा शासन काल में करीब दो दशक तक जिले में सलीम शेरवानी का दबदबा रहा है। वह सपा के टिकट पर यहां से लगातार सांसद बनते रहे।

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