लोकसभा चुनाव को कम ही दिन बचे हैं। ऐसे में यूपी की राजनीतिक सरगर्मी तेज हो चुकी है। राजनीतिक उठा पटक के बीच सपा और विपक्षियों को लगातार झटके लग रहे हैं तो बीजेपी का कुनबा बढ़ता जा रहा है। एनडीए के साथ रालोद आ गई है। सपा में घमासान मचा है। स्वामी प्रसाद मौर्य ने इस्तीफा दे दिया है। पल्लवी पटेल भी नाराज हो गईं हैं। चर्चा है कि आज राहुल की न्याय यात्रा में पल्लवी पटेल चंदौली पहुंचेंगीं। वहीं स्वामी प्रसाद मौर्य 18 फरवरी को प्रयागराज में राहुल की न्याय यात्रा में शामिल होंगे। ऐसे में देखना होगी कि सपा से नाराज लोगों का कांग्रेस ठिकाना तो नहीं होगा?

क्यों नाराज हुईं पल्लवी पटेल

वहीं सिराथू से सपा की विधायक अपना दल (कमेरावादी) की नेता पल्लवी पटेल ने पार्टी से नाराज चल रही हैं। राज्यसभा चुनाव में सपा प्रत्याशियों के पक्ष में मतदान करने से इंकार कर दिया है। पल्लवी पटेल ने कहा कि समाजवादी पार्टी पीडीए की बात करती है। पीडीए का मतलब हुआ पिछड़ा, दलित व अल्पसंख्यक। राज्यसभा में प्रतिनिधित्व देने के लिए घोषित प्रत्याशियों में सपा ने इस पीडीए का ध्यान नहीं रखा। यह पिछड़ा, दलित व अल्पसंख्यक समाज के साथ धोखा है। उन्होंने कहा कि इन्हीं कारणों से वह सपा के राज्यसभा प्रत्याशियों के पक्ष में मतदान नहीं करेंगी। भाजपा प्रत्याशियों को वोट देने के सवाल पर बोलीं कि मैंने सिर्फ सपा प्रत्याशियों को वोट नहीं देने की बात कही है।

ने राष्ट्रीय महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को पत्र लिख कर अपनी बातें कहीं। उन्होंने बुधवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा है कि अब यह अखिलेश को तय करना है कि स्वीकार करना है या नहीं। उन्होंने यह भी साफ किया कि उनके इस्तीफे और मंगलवार को समाजवादी पार्टी मुख्यालय में हुई पूजा से कोई ताल्लुक नहीं। उनका इस्तीफे का मामला पूरी तरह से अलग है। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी के पुराने लोग भी उनके साथ हैं, लेकिन ऐसे लोग जिनकी गिनती उंगलियों पर है वो विरोध करते हैं। उन्होंने अखिलेश से साफ-साफ कहा है कि अगर आप इन पर नियंत्रण नहीं कर सकते तो मेरे लिए ही आप कोई बात तय कर दें। पार्टी छोड़ने के सवाल पर कहा कि अखिलेश के फैसले पर निर्भर करेगा।

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