लोकसभा चुनाव से पूर्व सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड या कहें चुनावी बॉन्ड को असंवैधानिक करार दिया। साथ ही कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड योजना को सूचना का अधिकार कानून और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन करार दिया है। आंकड़ों से पता चलता है कि विभिन्न राजनीतिक दलों को अब तक चुनावी बॉन्ड से 16 हजार करोड़ रुपये से अधिक का योगदान मिला है।

लोकसभा चुनाव से पूर्व सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को इलेक्टोरल बॉन्ड या कहें चुनावी बॉन्ड को असंवैधानिक करार दिया। साथ ही कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड योजना को सूचना का अधिकार कानून (RTI) और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन करार दिया है। शीर्ष अदालत के इस आदेश के बाद राजनीतिक दलों की विभिन्न टिप्पणियां सामने आ रही हैं। इस बीच, अनुमान जताया जा रहा है कि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) को चुनावी बॉन्ड से सबसे ज्यादा पैसे मिले होंगे।

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