किसान आंदोलन की आंच इस कदर सुप्रीम कोर्ट तक पहुंची है कि सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के वकील अब दो धड़ों में बंट गए हैं। SC बार एसोसिएशन के 161 वकीलों ने एक प्रस्ताव पर दस्तखत कर एसोसिएशन के मौजूदा अध्यक्ष अदीश सी अग्रवाल को पद से हटाने के लिए एसोसिएशन की जनरल बॉडी मीटिंग बुलाने की मांग की है। ये 161 वकील संघ के मौजूदा अध्यक्ष अग्रवाल के उस खत से खफा हैं, जिसमें उन्होंने देश के मुख्य न्यायाधीश को लिखकर आंदोलनकारी किसानों के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेने को कहा था।

सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अग्रवाल ने सीजेआई जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ को लिखी चिट्ठी में यह भी अनुरोध किया था कि किसानों के विरोध-प्रदर्शन के कारण दिल्ली-एनसीआर में भारी जाम की समस्या पैदा हो गई हैष इसकी वजह से जो वकील कोर्ट में पेश ना हो पाए, उनके खिलाफ कोई प्रतिकूल आदेश पारित नहीं किया जाए।

इतना ही नहीं अग्रवाल ने अपनी चिट्ठी में किसान आंदोलन की आड़ में अराजकता फैलाने वाले उपद्रवियों के खिलाफ कठोर कदम उठाने की भी मांग की थी। चिट्ठी में कहा गया है कि किसानों के 2020-21 वाले आंदोलन के दौरान लोगों को बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ा था। पत्र में अग्रवाल ने दावा किया था कि किसान आअंदोलन की वजह से कई मौतें हुई थीं। बार अध्यक्ष ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की थी कि 2020-21 के आंदोलन से सबक लेते हुए किसानों के आंदोलन पर स्वत: संज्ञान लेते हुए कार्रवाई की जाए।

बता दें कि तीन दिनों से पंजाब के किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी का कानून बनाने की मांग समेत 12 सूत्री मांगों के लिए दिल्ली कूच करते हुए पंजाब-हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर टिके हुए हैं। आज आंदोलनकारी किसानों ने अपने विरोध-प्रदर्शन को रोक रखा है क्योंकि किसान संगठनों और केंद्र सरकार के तीन मंत्रियों के बीच तीसरे दौर की बातचीत होनी है।

0Shares

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *