सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को उस कानूनी सवाल पर अपना आदेश सुरक्षित रखा कि क्या राज्य सरकार को आरक्षण के लिहाज से अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) में जातियों के उप वर्गीकरण का अधिकार है। आसान शब्दों में समझें तो क्या कोटे के भीतर कोटा देने का अधिकार है। इस मामले पर अपना फैसला सुरक्षित रखा है।

2004 के फैसले की समीक्षा की मांग

मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व वाली सात-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और राज्यों की तरफ से पेश वरिष्ठ अधिवक्ताओं की दलीलें सुनीं, जिसमें ईवी चिन्नैया फैसले की समीक्षा की मांग की गई।

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