रिपोर्ट- राशिद पठान
झांसी! केंद्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान, झांसी द्वारा दिनांक 3-4 फ़रवरी 2024 को सी.सी.आर.ए.एस. वैज्ञानिकों के लिए “आयुर्वेद में फार्मास्युटिकल अनुसंधान एवं विकास के लिए नए आयाम की खोज” विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन प्रोफेसर डॉ. संजू नंदा, अधिष्ठाता, महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक (हरियाणा), डॉ. हिमांशु शेखर तिवारी, अध्यक्ष, तकनीकी – कर्मा आयुर्वेदा, नई दिल्ली, डॉ. टी. महेश्वर, सहायक निदेशक (आयुर्वेद), कार्यक्रम अधिकारी, सीसीआरएएस मुख्यालय, नई दिल्ली एवं संस्थान प्रभारी डॉ. सी. वी. नरसिम्हाजी की उपस्थिति में किया गया । स्वागत भाषण में संस्थान प्रभारी डॉ. सी. वी. नरसिम्हाजी द्वारा कार्यक्रम विषय की उपयोगिता पर प्रकाश डाला गया, तत्पश्चात डॉ. टी. महेश्वर, सहायक निदेशक (आयुर्वेद), कार्यक्रम अधिकारी, सीसीआरएएस मुख्यालय, नई दिल्ली द्वारा कार्यक्रम का परिचय एवं आवश्यकताओं से अवगत कराया गया। सेमिनार में परिषद् मुख्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े महानिशक महोदय प्रोफेसर डॉ. रविनारायण आचार्य के द्वारा अपने वक्तव्य में फार्मास्युटिकल अनुसंधान एवं विकास में आ रही बाधाओं के निवारण एवं नए औषधि विकास के आयामों के सन्दर्भ में संगोष्ठी में उपस्थित सभी प्रतिभागियों एवं विशेषज्ञों को अवगत करवाया गया, एवं इसके समाधान हेतु विशेष आग्रह किया गया । मुख्य अतिथि एवं विशेषज्ञ के रूप में उपस्थित डॉ. संजू नंदा अधिष्ठाता, महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक (हरियाणा) ने नवीन औषधि वितरण प्रणालियों द्वारा आयुर्वेदिक फॉर्मूलेशन की प्रभावकारिता और स्थिरता में वृद्धि मुद्दे और चुनौतियाँ की विस्तृत जानकारी प्रदान की गयी । डॉ. चन्द्रशेखर जगताप अनु. अधि. (आयुर्वेद) द्वारा धन्यवाद प्रस्ताव ज्ञापन किया गया ।