दिनांक 3 जनवरी 2024 को ज्ञानपीठ केन्द्र 1, स्वरूप पार्क जी0 टी0 रोड साहिबाबाद के प्रांगण में समाज सुधारक कवियत्री प्रथम महिला शिक्षिका, क्रान्ति ज्योति सावित्री बाई फूले का जन्म दिन समारोह आयोजित किया गया, कार्यक्रम की अध्यक्षता ड़ा0 देवकर्ण चौहान ने किया, मुख्य वक्ता संस्था के संस्थापक/अध्यक्ष राम दुलार यादव शिक्षाविद रहे, मुख्य अतिथि इतिहास मर्मज्ञ कैलाश चन्द्र रहे, आयोजन इंजी0 धीरेन्द्र यादव ने, संचालन श्रमिक नेता अनिल मिश्र ने किया, कार्यक्रम में शामिल सभी साथियों ने सावित्री बाई फूले के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हे स्मरण किया, तथा उनके शिक्षा और चिकित्सा के उद्देश्य को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया, जिससे समाज में व्याप्त रूढ़िवाद, पाखंड, कुरीतियों का नाश हो, भय और भ्रम दूर हो सके| उन्होने महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए अपना पूरा जीवन लगाया, हुकुम सिंह, तेज बहादुर भारती, राजेन्द्र सिंह ने गीत प्रस्तुत किया|
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शिक्षाविद राम दुलार यादव ने कहा कि संसाधनों की कमी के बाद भी ज्ञान की ज्योति पुंज सावित्री बाई फूले ने महिला सशक्तिकरण के लिए प्रेरणादायक और अनुकरणीय कार्य किया, उन्होने सगुणा बाई और अपने पति ज्योतिबा फूले से शिक्षा ग्रहण कर अज्ञान के अंधकार, पाखंड, रूढ़िवाद, परंपरावाद, कुरीतियों की जड़ अशिक्षा को मानते हुए दलित, शोषित, पिछड़े और महिलाओं को शिक्षित करने का संकल्प लिया, तथा कई विद्यालय खोले और वह स्वयं शिक्षिका बन अपनी सहयोगी फातिमा शेख के साथ मानवता के कल्याण के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया, सामंतवादी, वर्चस्ववादी, रूढ़िवादी ताक़तें इस पुनीत कार्य में भी बहुत बाधा डाली, यहाँ तक इनके भाई और पिता भी इनके कार्य का विरोध करते तथा कहते कि हमारी सात पीढ़ी नर्क में जायेगी, लेकिन इन्होने उनकी एक भी नहीं सुनी, सहायता करना तो दूर रोड़े अटकाते रहे, लेकिन इन्होने कहा कि “सर्वशक्तिमान सत्ता इन्हे सद्बुद्धि दे, एक दिन यही शिक्षा, सेवा, लगन, तपस्या की सराहना करेंगे”| लेकिन जो स्थिति तब थी वही आज भी देश, समाज और व्यक्ति के अंदर व्याप्त है, आज भी पाखंड, अंधविश्वास, रूढ़िवाद, अंधभक्ति, भय और भ्रम की जनता शिकार है, शिक्षित होने के बाद कुरीतियों और अज्ञान के दल-दल में फंसी जनता उससे निकलना नहीं चाहती, वह झूठ को आसान और सत्य मार्ग को काँटों भरा रास्ता समझती है, और जनता में जान बूझकर भ्रम, डर, पाखंड फैलाया जा रहा है, जिससे लोग शासन चलाने वाले संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों से प्रश्न न पूंछे, तथा वह अपनी मनमानी करते रहे, आज लोकतन्त्र, संविधान और संवैधानिक संस्थाएं भी झूठ तंत्र से प्रभावित हो जन कल्याण नहीं कर पा रही है, शिक्षा, चिकित्सा का स्तर गिर गया है, प्रसन्नता रिपोर्ट में हम 137 देशों में 125 वें स्थान पर है, आर्थिक असमानता, मंहगाई, बेरोजगारी बढ़ती जा रही है, गरीबी बढ़ती जा रही है, असमानता हर क्षेत्र में व्याप्त है, महिलाओं के साथ अनाचार की घटनाएँ विकराल रूप ले रही है, इस व्यवस्था को दृढ़ इच्छा शक्ति और नेक नीयत, ईमानदारी से कार्य करके बदला जा सकता है, तभी सावित्री बाई फूले के नारी सशक्तिकरण की नींव को मजबूत कर सकेंगे|
प्रमुख साथी कार्यक्रम में शामिल रहे, राम दुलार यादव, प्रदीप कुमार पुरी, रेनूपुरी, विजय भाटी, पंडित विनोद त्रिपाठी, राजेन्द्र सिंह, रामेश्वर यादव, हुकुम सिंह, ब्रह्म प्रकाश, मुनीव यादव, फूल चंद वर्मा, समरथ सिंह, ए0के0 मिश्र, देव कर्ण चौहान, तेज बहादुर भारती, खुमान, हरिशंकर यादव, हाजी मोहम्मद सलाम, इंजी0 धीरेन्द्र यादव, राजीव गर्ग, रोहित यादव, सुभाष यादव, हरिकृष्ण यादव, भक्ति यादव, राजेन्द्र यादव, सम्राट सिंह यादव, अखिलेश कुमार शुक्ल, प्रेम चंद पटेल, लक्ष्मी नारायण सहगल, अमरनाथ, अमृतलाल चौरसिया, कैलाश चंद्र, जितेंद्र यादव आदि|

भवदीय

हरिशंकर यादव
(कार्यालय मंत्री )

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